रोकने पर किसानों ने सीओ दफ्तर में की तालाबंदी

दिल्ली बार्डर जा रहे थे किसान तहसील में दिया धरना

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Dec 2020 06:50 AM (IST) Updated:Fri, 25 Dec 2020 06:50 AM (IST)
रोकने पर किसानों ने सीओ दफ्तर में की तालाबंदी
रोकने पर किसानों ने सीओ दफ्तर में की तालाबंदी

जलेसर(एटा): किसान कानूनों के विरोध में दिल्ली बार्डर जा रहे किसानों को रोकने पर उन्होंने तहसील में धरना दिया। सीओ कार्यालय में तालाबंदी कर दी।

गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में भारतीय किसान यूनियन भानु के कार्यकर्ता तहसील मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने धरना प्रदर्शन किया। प्रदेश महामंत्री हर्ष ब्रजवासी ने कहा कि प्रदेश सरकार किसान कानूनों के विरोध में दिल्ली बार्डर जा रहे किसानों को रोक रही है, जो गलत है। यदि प्रशासन ने आंदोलन में जा रहे किसानों को रोका तो तहसील स्तर पर प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। धरनास्थल पर किसी अधिकारी के न पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने क्षेत्राधिकारी पुलिस के कार्यालय पर तालाबंदी कर दी। बाद में पहुंचे एसडीएम एसपी वर्मा ने उनका ज्ञापन लिया और ताला खुलवा दिया गया। ज्ञापन में किसान कानूनों में संशोधन, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने, किसान आयोग का गठन करने, 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन, 18 घंटे विद्युत आपूर्ति आदि मांग की गई हैं।

किसान आयोग का हो गठन, नए कृषि कानून वापस ले सरकार: भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के बैनर तले गुरुवार को किसानों ने शहर में पैदल मार्च किया। कलक्ट्रेट धरना स्थल पर हुई पंचायत में पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को केंद्र सरकार से वापस कराने और किसान आयोग के गठन के लिए राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।

शहर के अरुणा नगर गेट से जिलाध्यक्ष रमेशचंद्र सिंह यादव और कार्यकारी जिलाध्यक्ष रघुराज सिंह यादव के नेतृत्व में पदाधिकारियों व किसानों ने पैदल मार्च निकाला। सड़कों पर किसानों ने नए कानूनों को किसानों का विरोधी बताते हुए नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी कलक्ट्रेट स्थिति धरनास्थल पर पहुंचे। जहां पदाधिकारियों ने किसान आयोग के गठन करने और फसलों की बिक्री के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा दिलाने के साथ कृषि यंत्रों को जीएसटी से मुक्त रखने की मांग करते हुए प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। राजेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, उजागर सिंह, जिलेदार सिंह, रामनरेश, विपन कुमार, बलवीर सिंह, रमाकांत सिंह, हरिपाल सिंह, नरसिंह पाल यादव, महीपाल सिंह, नौबत सिंह, विकास यादव समेत काफी किसान मौजूद थे।

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