स्वच्छ सर्वेक्षण: स्वच्छता की कसौटी पर खरा उतरने की 'गोपनीय' चिंता - फोटो

स्वच्छता सर्वेक्षण में स्थानीय अफसर सर्वे टीम की आंखों में धूल नहीं झोंक सकेंगे। सर्वेक्ष

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Jan 2019 11:16 PM (IST) Updated:Fri, 04 Jan 2019 11:16 PM (IST)
स्वच्छ सर्वेक्षण: स्वच्छता की कसौटी पर खरा उतरने की 'गोपनीय' चिंता - फोटो
स्वच्छ सर्वेक्षण: स्वच्छता की कसौटी पर खरा उतरने की 'गोपनीय' चिंता - फोटो

एटा: स्वच्छता सर्वेक्षण में स्थानीय अफसर सर्वे टीम की आंखों में धूल नहीं झोंक सकेंगे। सर्वेक्षण की टीम इस बार बिना बताए 31 जनवरी तक किसी दिन आ सकती है। सभी नगर निकायों में पूरे महीने चलने वाला स्वच्छ सर्वेक्षण 4 जनवरी से शुरू हो चुका है। इस बार सफाई की स्थिति का सत्यापन पूरी तरह गोपनीय रहेगा। लखनऊ से आने वाली टीम का कोई कार्यक्रम नहीं दिया गया है। वे किसी भी दिन आकर सत्यापन कर चली जाएंगी। इसे लेकर अफसर और निकाय प्रशासन पसोपेश में हैं।

पिछले वर्ष सभी निकायों के सत्यापन के लिए दिन निर्धारित किए गए थे। ऐसे में निकायों को सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए पूरा मौका मिला था। इसके बावजूद जिले और निकायों की स्थिति अच्छी नहीं थी। लेकिन इस बार पूरा सर्वे कार्यक्रम गोपनीय है। महीने के अंत तक किसी भी दिन सर्वेक्षण टीम गोपनीय तरीके से सर्वे कर चली जाएगी और अफसरों-निकायों को भनक तक नहीं लगेगी। इसलिए स्थानीय अफसर पहले से सतर्क नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को शहर में साफ-सफाई पर अधिक काम होता नजर आया। डलावघरों पर समय से कूड़ा उठाया गया और चूना डालकर चमकने की कोशिश की गई। सर्वे में हुआ बदलाव

पिछले वर्ष सर्वे में तीन भाग थे, जिनके चार हजार अंक निर्धारित थे। इस बार सर्वे पांच हजार अंकों का है, जिसमें चार भाग रखे गए हैं। हर भाग 1250 अंकों का है। प्रमाणीकरण का नया भाग जोड़ा गया है। इसमें कचरा मुक्त शहर के 1000 और ओडीएफ को लेकर 250 अंकों में बांटा है। लोग बोले कुछ दिनों से सफाई व्यवस्था में थोड़ा सुधार तो महसूस किया है। लेकिन इसे पूरी तरह संतोषजनक नहीं कहा जा सकता।

- कौशल कुमार कूड़ा डोर टू डोर तो किसी हद तक उठ भी रहा है। लेकिन डलावघरों पर यह घंटों तक पड़ा रहता है और गंदगी फैलती है।

- राजेश यादव यह तो नहीं सुना कि कोई सर्वे चल रहा है। यदि चल रहा है तो मुझे नहीं लगता कि शहर की स्थिति अच्छी रैंक लायक है।

- रोहित जैन केवल सर्वेक्षण में अच्छी रैंक के लिए सफाई व्यवस्था सुधारना जायज नहीं है। यह कार्य तो साल भर अनवरत चलना चाहिए।

- निखिल साहनी वर्जन

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सभी दस्तावेजों को पोर्टल पर ऑनलाइन अपडेट किया जा चुका है। सत्यापन के लिए भी सभी निकायों में तैयारियां की गई हैं।

- सुरजीत ¨सह, डीपीएम एसबीएम

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