सीएम के सपने पर भारी रूढि़वादी सोच
जासं, एटा: मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर रूढि़वादी सोच भारी पड़ रही है। एक योजना में आवेदनों क ा अंबार लगा है।
जासं, एटा: मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर रूढि़वादी सोच भारी पड़ रही है। एक योजना में आवेदनों का अंबार लगा है, दूसरी में लक्ष्य पूरा करने तक के लाले पड़ रहे हैं। इनमें पहली है शादी अनुदान योजना व दूसरी मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट सामूहिक विवाह योजना।
भाजपा सरकार ने पिछली साल मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना शुरू की है। इस साल 1500 जोड़ों की शादी कराने का लक्ष्य मिला है। आवेदन लगभग एक सैकड़ा ने ही किया है। वहीं शादी अनुदान योजना में स्थिति उलट है। पिछड़ा वर्ग में 1142 आवेदन आ चुके हैं। जबकि लक्ष्य 442 का है। सामान्य वर्ग में 142 के सापेक्ष 400 और अनुसूचित जाति वर्ग में 180 के सापेक्ष 200 आवेदन आ चुके हैं। आय सीमा बढ़ने का भी असर नहीं:
पूर्व में दोनों ही योजनाओं में पात्रता के रूप में आय सीमा एक जैसी थी। कुछ दिन पहले सामूहिक विवाह योजना में पात्रता के लिए आय सीमा बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दी है। सामूहिक विवाह नहीं पसंद: गरीब लोग भी सामूहिक विवाह के लिए तैयार नहीं हो रहे। उनका कहना है कि भले ही कम पैसा मिल जाए, हम अपने हिसाब से बिटिया की शादी करना चाहते हैं।