हत्या में नामजदगी के बाद भी निकल गया विवेक का नाम

व्यापारियों से रंगदारी मांगने हत्या के प्रयास और हत्या जैसी जघन्य वारदात को अंजाम दे चुका ईनामी विवेक सिंह आज जिस मुकाम पहुंचा है उसके पीछे कहीं न कहीं सफेदपोशों का हाथ रहा है। वरदहस्त मिलते ही विवेक सिंह ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उसके गुनाहों की फेहरिस्त लंबी होती चली गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Mar 2019 12:18 AM (IST) Updated:Wed, 20 Mar 2019 12:18 AM (IST)
हत्या में नामजदगी के बाद भी निकल गया विवेक का नाम
हत्या में नामजदगी के बाद भी निकल गया विवेक का नाम

देवरिया: व्यापारियों से रंगदारी मांगने, हत्या के प्रयास और हत्या जैसी जघन्य वारदात को अंजाम दे चुका ईनामी विवेक सिंह आज जिस मुकाम पहुंचा है, उसके पीछे कहीं न कहीं सफेदपोशों का हाथ रहा है। वरदहस्त मिलते ही विवेक सिंह ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उसके गुनाहों की फेहरिस्त लंबी होती चली गई। उसके इस गुनाह में गौरीबाजार पुलिस भी काफी मददगार रही है। टेंपो चालक ही हत्या में विवेक सिंह की नामजदगी होने के बाद भी पुलिस ने साक्ष्य न होने का हवाला देकर उसका नाम निकाल दिया। पुलिस उसकी दबंगई पर पहले भी पर्दा डालती रही है। मुंबई में काम के दौरान विवेक सिंह ने अपने मालिक का कांउटर तोड़कर जान मारने की कोशिश कर चुका है।

गौरीबाजार के इंदूपुर निवासी टेंपो चालक राधेश्याम उर्फ जर्सी की बरहज के कपरवार इलाके में हत्या कर दी गई थी। मृतक की पत्नी ने गांव के कई लोगों को आरोपित बनाया था, जिसमें इंदूपुर निवासी इनामी विवेक सिंह का नाम तीसरे पर था। गौरीबाजार पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया। विवेचक ने बरहज स्थित एक पेट्रोल पंप में लगे सीसीटीवी कैमरे के वीडियो फुटेज के आधार पर विवेक सिंह का नाम निकाल दिया। हालांकि इसके विवेक की कहानी कुछ और ही है। सूत्रों का कहना है कि हत्या में नाम निकालने के लिए एक सफेदपोश की पैरवी काम कर गई। पथरहट निवासी अरुण सिंह हत्याकांड में आरोपित कामेश्वर सिंह डब्लू के जेल जाने के बाद विवेक सिंह ने स्थानीय व्यापारियों से रंगदारी वसूलना शुरू कर दिया था। एक मामले में जमानत पर बाहर आने के बाद उसने अपराध का तरीका बदल लिया। पुलिस रिकार्ड में विवेक सिंह के ऊपर चार मुकदमे दर्ज है। प्रभारी थानेदार अवधेश मिश्र ने कहा कि हत्या में नामजदगी की जानकारी हुई है। जांच की जा रही है। उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।

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