कलश यात्रा के साथ देवरहा बाबा आश्रम में लक्ष्मी नारायण महायज्ञ शुरू

साधु संतों के साथ क्षेत्र के दर्जनों गांव के पुरुष व महिलाओं ने पीतांबर वस्त्र धारण कर 1001 कलश के साथ देवरहा बाबा घाट पर पहुंचकर मंत्रोच्चार के साथ पवित्र सरयू जल कलश में भरा। पुन कलश लेकर यज्ञशाला में पहुंचने पर अयोध्या और वाराणसी से आए हुए विद्वानों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश की स्थापना करायी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 May 2022 01:17 AM (IST) Updated:Tue, 03 May 2022 01:17 AM (IST)
कलश यात्रा के साथ देवरहा बाबा आश्रम में लक्ष्मी नारायण महायज्ञ शुरू
कलश यात्रा के साथ देवरहा बाबा आश्रम में लक्ष्मी नारायण महायज्ञ शुरू

देवरिया: भागलपुर क्षेत्र के देवरहा बाबा आश्रम में सोमवार को नौ दिवसीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के लिए भव्य कलश यात्रा निकाली गई। शोभायात्रा हाथी, घोड़ा, बैंडबाजा के साथ सरयू नदी पहुंची और कलश में जल भर कर वापस लौटी। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

साधु संतों के साथ क्षेत्र के दर्जनों गांव के पुरुष व महिलाओं ने पीतांबर वस्त्र धारण कर 1001 कलश के साथ देवरहा बाबा घाट पर पहुंचकर मंत्रोच्चार के साथ पवित्र सरयू जल कलश में भरा। पुन: कलश लेकर यज्ञशाला में पहुंचने पर अयोध्या और वाराणसी से आए हुए विद्वानों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश की स्थापना करायी।

आश्रम के पीठाधीश्वर श्यामसुंदर दास ने बताया कि प्रतिदिन दिन में रामलीला और रात में रासलीला व शाम को आये हुए विद्वानों द्वारा प्रवचन का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान अयोध्या से हनुमान दास महराज, बाल व्यास विष्णु दास शास्त्री, वृंदावन से हरियाचार्य महाराज, मुन्ना आचार्य वाराणसी, संत कन्हैया दास महराज, भगवान दास, कृष्ण मुरारी, मुरलीधर शास्त्री, दीपक पांडेय, नंदलाल कुशवाहा, उप जिलाधिकारी बरहज गजेंद्र सिंह, बीडीओ भागलपुर पन्नेलाल, सतीश जायसवाल, बालानंद तिवारी, प्रमोद मिश्रा, रामबिलास तिवारी, वृद्धि चौधरी, सुबेदार सिंह, शेखर यादव, मनमोहन सिंह, एके मिश्रा आदि मौजूद रहे। करायल शुक्ल में हनुमंत महायज्ञ का हुआ शुभारंभ

बरहज क्षेत्र के करायल शुक्ल में श्रीश्री 1008 हनुमंत महायज्ञ का शुभारंभ कलश यात्रा व गाजेबाजे के साथ सोमवार को हुआ। गांव से निकलकर बीटा पुराना शुक्ल करायल उपाध्याय होते हुए बरहज के सरयू तट तक पहुंचकर जल भरने के बाद श्रद्धालु गांव वापस पहुंचे। ग्राम देवता व देवी के स्थान पर जल चढ़ाया गया।

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