सूखा राहत का पैसा खत्म, किसान बाकी
देवरिया : तीन फसल बर्बाद होने के बाद सूखा राहत की किसानों को आस जगी थी, लेकिन बहुत से किसानों को
देवरिया :
तीन फसल बर्बाद होने के बाद सूखा राहत की किसानों को आस जगी थी, लेकिन बहुत से किसानों को अब इसका लाभ जल्द मिलता नहीं दिख रहा है। तहसील में आए सूखा राहत के नाम पर लगभग 25 करोड़ रुपया किसानों को बांट दिया गया है और अब एक भी रुपया तहसील के पास नहीं रह गया है, जबकि बहुत से किसान अभी भी इससे वंचित है। उधर तहसील प्रशासन सूची तैयार कराकर जल्द ही सूखा राहत के लिए पैसे का डिमांड करने की बात कह रहा है।
किसानों की तीन फसलें बर्बाद हो गई। शासन ने किसानों को ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा देने का निर्देश दिया और इसके लिए बजट भी दे दिया। अधिकांश किसान इससे वंचित रह गए और उनको पैसा समाप्त हो जाने के चलते मुआवजा नहीं मिल सका। इसी बीच सूखा राहत देने का निर्देश हुआ और सलेमपुर में लगभग 25 करोड़ रुपये तहसील प्रशासन को मिले। इस बार किसानों को उनके खाते में सूखा राहत का पैसा भेजने का निर्देश हुआ। निर्देश के क्रम में लेखपालों ने बैंक पासबुक का फोटो कापी समेत अन्य कागजात को जुटाया और तहसील प्रशासन को दे दिया। एक ही गांव के कुछ लोगों को इसका लाभ मिल गया है तो कुछ लोग इससे वंचित हो गए हैं, उनके खाते में सूखा राहत का पैसा नहीं गया है। इसके अलावा लेखपालों ने भी इसमें जमकर घालमेल किया है, जिनका खेत कम हैं उन्हें मुआवजा अधिक तो जिनका खेत अधिक है, उन्हें मुआवजा कम दिया गया है। बहुत से किसान इस मुआवजा के राशि से वंचित हैं और तहसील का चक्कर लगा रहे हैं। इसी बीच सूखा राहत के लिए आया धन समाप्त हो गया है। कुछ किसानों को इसकी भनक जब रविवार को लगी तो उनका कहना था कि ओलावृष्टि में इसी तरह धन समाप्त हो गया और तहसील प्रशासन से यह आश्वासन मिलता रहा कि डिमांड भेजा गया है, बजट मिलते ही मुआवजा दे दिया जाएगा। एक बार फिर सूखा राहत का भी बजट समाप्त हो गया है और फिर वही आश्वासन डिमांड भेजने का मिल रहा है। अब तो लग रहा है कि इस बार भी हम लोगों को मुआवजा नहीं मिल सकेगा। तहसीलदार राहुलदेव ने कहा कि सूखा राहत के लिए आया धन समाप्त हो गया है। किसानों की सूची तैयार की जा रही है। सूची तैयार होने के बाद उतना रुपया का डिमांड भेजा जाएगा।