फोटो..एक बेड पर दो-दो मरीज

देवरिया:शासन स्वास्थ्य भले ही बेहतर करने का शासन दावा कर रहा है, लेकिन इसका असर अस्पतालों पर नहीं दि

By Edited By: Publish:Sat, 01 Aug 2015 10:13 PM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2015 10:13 PM (IST)
फोटो..एक बेड पर दो-दो मरीज

देवरिया:शासन स्वास्थ्य भले ही बेहतर करने का शासन दावा कर रहा है, लेकिन इसका असर अस्पतालों पर नहीं दिख रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलेमपुर में प्रसव के बाद एक ही बेड पर दो-दो महिलाओं को उनके बच्चों के साथ सुलाया जा रहा है, जिसके चलते बच्चों के साथ कभी भी बड़ा हादसा होने की संभावना है। उधर अधीक्षक बेड के कमी का रोना रो रहे हैं।

सरकारी अस्पतालों में प्रसव होने पर महिलाओं को 48 घंटे रोकने का फरमान है। इस क्रम में महिलाओं को दूध, चाय, भोजन समेत अन्य सुविधाएं देने का निर्देश है। जिसके क्रम में अस्पतालों में 48 घंटे तो नहीं, लेकिन चौबीस घंटे जच्चा-बच्चा को जरुर रोका जा रहा है। इन जच्चा-बच्चा के रोकने के चलते एक नई परेशानी आ खड़ी हुई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलेमपुर में महिला के दो वार्ड में 14 बेड हैं। शनिवार की सुबह जागरण टीम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, जहां अनुपार की सीमा देवी व मझवलिया की नीतू देवी एक ही बेड पर अपने बच्चों को लेकर सोई हुई थी। दोनों अपने कलेजे के टुकड़े को अपने पास सहेज कर रखी हुई थी, ताकि किसी का पैर उनके बच्चे पर न पड़ जाए। आशा ने इसकी शिकायत की तो तत्काल मौके पर अधीक्षक पहुंचे। इस बाबत अधीक्षक डा.सुरेंद्र ¨सह ने कहा कि बेड की कुछ कमी है। फिलहाल स्टाफ नर्स को प्रसव के बाद बेड कम होने पर दूसरे भवन में मौजूद बेडों पर भेजने का भी निर्देश दिया गया है।

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