पटाखा नहीं जलाएंगे, दीपावली सादगी से मनाएंगे

देवरिया :दीपावली पर जलने वाले लाखों रुपये के पटाखे पर्यावरण व स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक हैं।

By Edited By: Publish:Mon, 20 Oct 2014 10:35 PM (IST) Updated:Mon, 20 Oct 2014 10:35 PM (IST)
पटाखा नहीं जलाएंगे, दीपावली सादगी से मनाएंगे

देवरिया :दीपावली पर जलने वाले लाखों रुपये के पटाखे पर्यावरण व स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक हैं। इसके प्रति आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से दैनिक जागरण की पहल पर सोमवार को पीएन एकेडमी के बच्चों ने दीपपर्व पर न सिर्फ खुद पटाखा न जलाने की शपथ ली, बल्कि पड़ोसियों, दोस्तों व रिश्तेदारों को भी प्रेरित करने का संकल्प लिया।

विद्यालय प्रांगण में प्रधानाचार्य सुधीर सिंह ने दीपावली का त्योहार हर्षाेल्लास पूर्वक मनाने व विदेशी सामानों की बजाय देश में निर्मित वस्तुओं का प्रयोग करने का संकल्प दिलाया। इस दौरान बच्चों ने कहा कि इस बार पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए हम पटाखा नहीं जलाएंगे।

इस अवसर पर जितेंद्र सिंह, राजकुमार सिंह, विनीत मिश्रा, अनूप तिवारी, सुधा तिवारी, मनोज श्रीवास्तव, वीरेंद्र चौधरी, सुशील सिंह समेत तमाम शिक्षक व छात्र मौजूद रहे।

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स्वच्छ पर्यावरण में ही मानव जीवन सुरक्षित

जागरण संवाददाता, सोनूघाट/देवरिया : मानव जीवन का अस्तित्व तब तक सुरक्षित है जब तक हमारा पर्यावरण सुरक्षित है, इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है कि पर्यावरण को असंतुलित या प्रदूषित होने से बचाएं, अन्यथा भविष्य में मानव जीवन पर गंभीर संकट आ सकता है।

उक्त बातें दैनिक जागरण द्वारा चलाए जा रहे पर्यावरण संरक्षण अभियान के तहत सोमवार को सलेमपुर रोड पर सोंदा में सनबीम स्कूल के छात्रों को पटाखे न जलाने की शपथ दिलाते हुए प्रधानाचार्य राजेश कुमार राय ने कही। निदेशक अवनीश मिश्र ने कहा कि हम पवित्र त्योहारों को मनाते समय अज्ञानतावश कुछ ऐसे कार्य करते हैं, जिससे धन व पर्यावरण दोनों का नुकसान पहुंचाते हैं। उप निदेशक नीतू मिश्रा ने कहा कि पटाखों पर खर्च होने वाले पैसे से गरीबों में उपहार व मिठाइयां वितरित करना चाहिए।

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दीपावली ऐसे मनाएं

दीपावली का पर्व लोगों को सादगी और सौहार्द से मनाना चाहिए। बच्चों को पटाखे से दूर रखें, ताकि वे सुरक्षित रहें। यदि पटाखा नहीं फोड़ा जाएगा तो पर्यावरण प्रदूषण से मुक्त रहेगा।

अखिलेंद्र जायसवाल मुन्ना

अध्यक्ष, रोटरी क्लब देवरिया सेंट्रल

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- झालरों की जगह मिट्टी के दीये जलाएं। घर के अंदर प्राकृतिक सजावट करें। इससे बच्चों में आकर्षण बढ़ेगा और उसका रुझान पटाखों के तरफ नहीं होगा। बच्चों को बताएं कि पटाखा फोड़ने से पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ रहा है?

कपिश कुमार मरोदिया

व्यवसायी

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- पर्यावरण का ध्यान रखते हुए पटाखे न जलाएं। फुलझड़ी का प्रयोग सावधानीपूर्वक करें। बच्चों को अकेले आतिशबाजी न करने दें। आतिशबाजी के समय बालू एवं पानी की बाल्टी अवश्य रखें। सूती पकड़े का प्रयोग करें।

डा.विपिन बिहारी शुक्ला

चिकित्सा

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- दीपावली खुशियों का त्योहार है। इससे मिलजुल कर शांतिपूर्वक मनाने की जरूरत है। लोगों को खासतौर से दीपावली पर घर में पटाखा नहीं जलाना चाहिए। घर में झालरों की जगह मिट्टी से तैयार दीये जलाएं।

परमानंद यादव

रिटायर सैनिक

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