खोवा में मिल्क फैट गलत, नहीं मिला बैच नंबर

By Edited By: Publish:Sun, 17 Aug 2014 10:34 PM (IST) Updated:Sun, 17 Aug 2014 10:34 PM (IST)
खोवा में मिल्क फैट गलत, नहीं मिला बैच नंबर

देवरिया:

खोवे में मानक के अनुसार फैट न रहना व बेसन शुद्ध होने के बावजूद बोरे पर बैच नंबर, पैकिंग तिथि और उपयोग की तिथि अंकित न होना विक्रेता व निर्माता को महंगा पड़ गया है। जांच रिपोर्ट आने व दोष सिद्ध होने पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन की कोर्ट ने विक्रेता व निर्माता पर 90 हजार का जुर्माना लगाया है। जबकि ठेले पर सड़ा आम बेचने पर एक फल विक्रेता पर 250 रुपये का जुर्माना किया है।

कार्यवाहक मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी कमलेश्वर प्रसाद ने बताया कि बरहज तहसील स्थित सिमरन स्वीट्स एंड बेकर्स की प्रोपराइटर श्रीमती अर्चना जायसवाल पत्नी दुर्गा जायसवाल के यहां से खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने छापेमारी कर फरवरी 2012 में सात किग्रा खोवा जब्त कर नमूना जांच के लिए भेजा था। जांच रिपोर्ट में मिल्क फैट की जगह कोई और फैट पाया गया। दोष सिद्ध होने पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने इन पर पचास हजार का जुर्माना लगाया है।

इसी प्रकार सलेमपुर के आजाद रोड स्थित श्याम सुंदर पुत्र विश्वनाथ प्रसाद किराना का दुकान चलाते हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मार्च-2013 में मिलावट का संदेह होने पर नौ बोरी बेसन जब्त किया। जांच रिपोर्ट में बेसन तो सही पाया गया, लेकिन बोरे पर बैच नंबर, पैकिंग तिथि और उपयोग की तिथि अंकित नहीं था। इस आरोप में निर्माता मां शीतला उद्योग चौरहिया गोला, गोरखपुर तथा विक्रेता पर 20-20 हजार का जुर्माना लगाया गया। जबकि फल विक्रेता राजीव रौनियार रामनाथ देवरिया चौराहे पर फल बेचते हैं। वर्ष-2013 में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने इन्हें सड़ा हुआ आम बेचने पर कार्रवाई की थी। जिसके तहत फल विक्रेता पर कोर्ट द्वारा 250 रुपये का जुर्माना किया गया।

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