सद्साहित्य से संस्कृति व सभ्यता का विकास

By Edited By: Publish:Sat, 12 Apr 2014 10:14 PM (IST) Updated:Sat, 12 Apr 2014 10:14 PM (IST)
सद्साहित्य से संस्कृति व सभ्यता का विकास

जागरण संवाददाता, देवरिया : नगर के महारानी चंडिका क्षत्रिय छात्रावास में चल रहे पुस्तक मेला के आठवें दिन का शुभारंभ शनिवार को एसडीएम सदर गिरिजेश कुमार चौधरी ने किया।

इस दौरान श्री चौधरी ने आज के भौतिकवादी युग में अपनत्व व संस्कारों की क्षीणता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इन्हें पुन: गुरुदेव श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित पुस्तकों के माध्यम से वापस लाया जा सकता है। ऐसे मेले की प्रासंगिकता है। युग निर्माण योजना हायर सेकेंडरी स्कूल देवरिया खास के प्रधानाचार्य हरिशंकर मणि त्रिपाठी ने विद्यार्थियों के साथ पुस्तक मेले का अवलोकन कर इसकी प्रशंसा करते हुए गायत्री मंत्र का अर्थ व भावार्थ पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इससे अधिक पवित्र करने वाला कोई मंत्र नहीं है। प्राचार्य रविंद्र सिंह ने कहा कि मानव जीवन में सद् साहित्य का महत्व सर्वोपरि है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इंदू द्विवेदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता का विकास गुरुदेव द्वारा रचित पुस्तकों के माध्यम से संभव है। सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रमोद सिंह यादव ने कहा कि पुस्तक मेला में धार्मिक, आध्यात्म, यज्ञ तथा व्यक्ति निर्माण से संबंधित सभी प्रकार की पुस्तकें हैं। सिविल जज जूनियर डिवीजन विता अग्रवाल ने एक व्यक्ति द्वारा इतनी पुस्तकों की रचना पर आश्चर्य व्यक्त किया और इस मेले की पुनरावृत्ति पर जोर दिया।

पुस्तक मेले के सुचारू रूप से संचालन में मेला प्रभारी, अक्षैबर मिश्र, रमाशंकर शास्त्री, अशोक दीक्षित, शकुंतला दीक्षित, शिवनारायण मिश्र, अभिराम पांडेय, रामभुवन चौरसिया, दिनेश श्रीवास्तव, रामायण शुक्ल, हरिहर चतुर्वेदी, अजीत, भुवनेश्वर श्रीवास्तव, सुरेंद्र कुशवाहा का योगदान सराहनीय रहा।

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