चित्रकूट जेल से उठी आवाज, हमारे महापुरुष जिदाबाद

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By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Jan 2020 10:34 PM (IST) Updated:Thu, 23 Jan 2020 06:02 AM (IST)
चित्रकूट जेल से उठी आवाज, हमारे महापुरुष जिदाबाद
चित्रकूट जेल से उठी आवाज, हमारे महापुरुष जिदाबाद

शिवा अवस्थी, चित्रकूट : जेल का नाम आते ही जेहन में अपराधी और गंदे माहौल की तस्वीर उभरती है लेकिन चित्रकूट जेल ने इस तस्वीर को बदलने की पहल की है। यहां आर्ट गैलरी में महापुरुषों के चित्रों व सूक्ति वाक्यों से दुर्दांत डकैत, शातिर अपराधी सबक ले रहे हैं। जेल की दीवारें महापुरुषों के बोल-वचनों के जिदाबाद होने की कहानी बयां कर रही हैं।

कर्वी का बंदी बना पहल की नींव

चित्रकूट जेल अधीक्षक श्रीप्रकाश त्रिपाठी की पहल को कर्वी मुख्यालय के तरौंहा निवासी बंदी दिलीप पटेल ने साकार किया है। छह नवंबर-2019 को जेल में एससी-एसटी एक्ट के मामले में निरुद्ध हुए बंदी दीपक की पेंटिग के हुनर से तीन माह में दीवारें बोलने लगी हैं। बंदियों व कैदियों के गोशाला, भोजनालय, शौचालय व बागवानी आने-जाने वाले रास्तों पर आर्ट गैलरी नई जिदगी की सीख देने लगी है।

विवेकानंद से सुभाष चंद्र बोस तक

आर्ट गैलरी में ब्रिटिश हुकूमत से देश को मुक्त कराने वाले आजादी के दीवाने महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, बटुकेश्वर दत्त, अशफाक उल्ला खां के साथ चाणक्य, विवेकानंद, मदर टेरेसा, तुलसीदास, सरदार बल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री व डॉ भीमराव आंबेडकर से लेकर ज्यादातर महापुरुषों को स्थान मिला है। इनके सूक्ति वाक्य बंदियों व कैदियों को पढ़ाए जाते हैं।

जेल में बंद हैं पाठा के खूंखार डकैत

जिला कारागार चित्रकूट में वर्तमान में बुंदेलखंड की मिनी चंबल घाटी यानी पाठा के खूंखार डकैत गैंग सरगना राम गोपाल यादव गोप्पा, शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ का दाहिना हाथ रहा राधे बंद है। बलखड़िया, रागिया समेत हाल में मुठभेड़ में मारे जा चुके दुर्दांत डाकू बबुली कोल गैंग के कई शातिर हाई सिक्योरिटी बैरकों में हैं।

दीवारों पर यह संदेश भी

- बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, जल-जीव व जीवन बचाएं।

- स्वच्छता ही सेवा, पर्यावरण संरक्षण व नशा मुक्ति।

- माता-पिता की सेवा करें, खेलकूद और व्यायाम जरूरी।

- प्रभु श्रीराम के वनवास काल से जुड़ा राम वन गमन मार्ग।

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पेंटर दिलीप पटेल के ब्रश से जेल की दीवारों पर महापुरुषों के संदेश बदलाव लाने लगे हैं। कुछ कैदी व बंदी पेंटिग के गुर भी सीख रहे हैं।

श्रीप्रकाश त्रिपाठी, अधीक्षक, जिला जेल चित्रकूट।

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