स्पेशल रेल गाड़ी, जेब कर रही खाली
जागरण संवाददाता चित्रकूट कोरोना संक्रमण काल में देश बंद हुआ तो ट्रेनों के पहिए भी
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : कोरोना संक्रमण काल में देश बंद हुआ तो ट्रेनों के पहिए भी थम गए। मगर संक्रमण का खतरा कम होते ही सफर को बेहतर बनाने के लिए ट्रेनें फिर से पटरी पर दौड़ने लगी। इन सब के बीच जहां एक ओर यात्रियों का सफर आरामदायक हो गया है तो वहीं उनकी जेब पर भी बोझ बढ़ गया। यात्रियों की मानें तो उन्हीं पुरानी पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है लेकिन नाम बदलकर उन्हें स्पेशल कर दिया गया। इससे यात्री किराए में भी दो से तीन गुने तक की वृद्धि कर दी गई।
कोरोना संक्रमण थमने के बाद रेलवे ने धीरे-धीरे सभी ट्रेनों को चलाया तो लेकिन नाम बदल दिया। नाम व नंबर बदलने से किराया में भी दो से तीन गुना अधिक बढ़ोत्तरी हो गई। कोरोना काल से पहले चित्रकूटधाम कर्वी रेलवे स्टेशन से शिवरामपुर और मानिकपुर तक का किराया महज दस रुपये था। वर्तमान में कर्वी से शिवरामपुर के लिए 40 तो मानिकपुर के लिए 45 रुपये रुपये लिए जाते हैं। इससे हर दिन यात्रा करने वालों पर बोझ बढ़ गया है। मानिकपुर कस्बा निवासी मोहन यादव शिक्षक हैं। कहते हैं कि किराया बढ़ने से कम दूरी की यात्रा करने वाले लोग ट्रेनों के बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सहारा ले रहे हैं। कर्वी के सोनेपुर निवासी अखिलेश पटेल बांदा में सीमेंट का कारोबार करते हैं। बताया कि कोरोना से पहले वह बीस रुपये में आवागमन करते थे लेकिन वर्तमान में 75 व 80 रुपये वहन करने पड़ते हैं। जबलपुर से लखनऊ जाने वाली चित्रकूट चित्रकूट एक्सप्रेस को भी स्पेशल के नाम से चलाया जा रहा है। इससे जहां पहले कानुपर तक 45 रुपये और लखनऊ के लिए 60 रुपये का किराया लगता था वहीं अब 90 और 110 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। दरअसल रेलवे ने अब 40 रुपये से कम का टिकट बंद कर दिया है। इसके लिए चाहे दस किलोमीटर जाएं या फिर 50 किलोमीटर। कर्वी स्टेशन प्रबंधक आरसी यादव ने बताया कि ट्रेन चलाने और रेट तय करने का काम डिवीजन से होता है। लोगों के सहूलियत के लिए ही ऊपर से कोई निर्णय लिया जाता है।