रामायण धर्म विशेष का ग्रंथ नहीं, राम से होगा राष्ट्र का मंगल

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By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Feb 2020 10:36 PM (IST) Updated:Sat, 22 Feb 2020 06:00 AM (IST)
रामायण धर्म विशेष का ग्रंथ नहीं, राम से होगा राष्ट्र का मंगल
रामायण धर्म विशेष का ग्रंथ नहीं, राम से होगा राष्ट्र का मंगल

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : रामायण किसी धर्म विशेष का ग्रंथ नहीं है। वह सभी को मानवता की सीख देता है। राम का चरित्र सभी धर्मों के लिए अनुकरणीय है। इसे अपनाने से राष्ट्र का मंगल होगा। मानव सभ्यता की शुरुआत से लेकर अब तक यदि किसी का जीवन समग्र बना है तो वह सिर्फ राम हैं। ये बात शुक्रवार को हरिद्वार से आए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि ने कही। वे पांच दिवसीय प्रांतीयकृत राष्ट्रीय रामायण मेले के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।

चित्रकूट के सीतापुर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया प्रेक्षागृह परिसर में महामंडलेश्वर ने हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित, राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के साथ मेले का शुभारंभ किया। चित्रकूट की महिमा का बखान करते हुए उन्होंने इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने की सलाह दी। कहा कि यूपी-एमपी के बीच फंसा होने से चित्रकूट का विकास रुकता है। इसे सीधे केंद्र की निगरानी में होना चाहिए। राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि भाजपा सरकार ने रामायण मेले को भव्य बनाने के लिए प्रांतीयकृत किया है। जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने कहा कि यह एक संस्कृति की पहचान है। रामायण जन-जन में रची-बसी है।

हाथी-घोड़े के साथ निकली शोभायात्रा

धर्मनगरी के सातों अखाड़ों के संत-महंतों ने निशान लेकर विशाल शोभायात्रा निकाली। हाथी और घोड़ा के साथ निकाली गई ये शोभायात्रा निर्मोही अखाड़ा से शुरू होकर रामायण मेला परिसर तक पहुंची। मेला समिति के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश करवरिया ने संतों का स्वागत किया। महंत दिव्य जीवन दास, संत मदन गोपाल दास, दीनदयाल दास, राम निहोरे दास, मेला समिति के डा. करुणा शंकर द्विवेदी, प्रद्युम्न कुमार दुबे, चंद्रिका प्रसाद दीक्षित, डा. सीताराम सिंह, मनोज गर्ग व प्रिस करवरिया मौजूद रहे।

लोक और शास्त्रीय नृत्य ने बिखेरा आकर्षण

राष्ट्रीय रामायण मेले के पहले दिन उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र इलाहाबाद के आनंद किशोर के लोक नृत्य, सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ के कलाकारों के भजन व लोकगीत गूंजे। लखनऊ की पर्णिका श्रीवास्तव, उन्नति श्री व चित्रकूट की गीता शर्मा के शास्त्रीय नृत्य ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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