मच्छरों का हमला, बुखार को समझना मुश्किल
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : बारिश के बाद बदले मौसम में मच्छरों ने आम से लेकर खास पर हमला
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : बारिश के बाद बदले मौसम में मच्छरों ने आम से लेकर खास पर हमला बोल दिया है। इससे डेंगू, मलेरिया, वायरल व दिमागी बुखार के मरीज बढ़े हैं। कई बार बुखार की प्रकृति समझने में डॉक्टरों को मुश्किलें हो रही हैं। जिला अस्पताल में सुबह से शाम तक तांता लगा है पर इंतजाम नाकाफी हैं। स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार भी औपचारिकता निभाकर इतिश्री कर लेते हैं।
डेंगू वार्ड की पट्टी लेकिन जांच उपकरण नदारद
जिला अस्पताल में डेंगू वार्ड की पट्टी कक्ष के बाहर लगा दी गई लेकिन जांच उपकरण नदारद हैं। मरीज में प्लेटलेट्स कम होने पर उसे डेंगू मानकर इलाज शुरू कर देते हैं। बाद में यह बीमारी दूसरी निकलती हैं। अब तक कई बुखार के मरीज दम भी तोड़ चुके हैं। इसके बाद भी डॉक्टरों के रवैये में कोई बदलाव नहीं है।
ऐसे करें मच्छरों से बचाव
जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. ऋषि कुमार ने बताया कि कई तरह के मच्छर बढ़ रहे हैं। कुछ नई प्रजातियां भी पैदा हो गई हैं। इनसे बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। एक जगह पानी इकट्ठा नहीं होने दें। कूलर का पानी लगातार बदलते रहें। ऐसा नहीं कर पाने पर पानी में केरोसिन डाल दें ताकि मच्छर न पनप सकें। घरों के आसपास सफाई रखें। फुल आस्तीन के कपड़े पहनने से मच्छरों से बचा जा सकता है।
अस्पतालों में यह अव्यवस्थाएं
- प्लेटलेट्स की कमी पर जांच नहीं, मान लेते डेंगू।
- मलेरिया से बचाव के लिए विशेष इंतजाम नहीं।
- प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं हैं डॉक्टर।
- फार्मासिस्ट के भरोसे लोगों को मिल रहीं स्वास्थ्य सेवाएं।
- जिला अस्पताल में डॉक्टरों की अर्से से कमी बरकरार।
.....
''डेंगू की जांच के लिए जिला अस्पताल में व्यवस्था है। इसके लिए अलग वार्ड भी बनाया गया है। अब तक डेंगू का कोई मरीज भर्ती नहीं हुआ है। -डॉ. राजेश खरे, सीएमएस जिला अस्पताल चित्रकूट। ''शहर, कस्बों व गांवों में डीडीटी के छिड़काव संग फा¨गग कराई गई है। संक्रामक रोग की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य टीमें भेजकर इलाज कराते हैं। साथ में बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। -डॉ.राजेंद्र ¨सह, सीएमओ चित्रकूट।