उच्च शिक्षा के सफर की मुश्किल है डगर

जागरण संवाददाता चित्रकूट जिले में युवाओं के लिए उच्च शिक्षा की डगर काफी कठिन है। तम

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Nov 2019 06:21 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 06:07 AM (IST)
उच्च शिक्षा के सफर की मुश्किल है डगर
उच्च शिक्षा के सफर की मुश्किल है डगर

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जिले में युवाओं के लिए उच्च शिक्षा की डगर काफी कठिन है। तमाम शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान जिला मुख्यालय से काफी दूर है लेकिन उनके लिए कोई साधन नहीं है। विद्यार्थियों को अपने संस्थान पहुंचने के लिए घंटों साधन के इंतजार में सड़कों पर खड़ा रहना पड़ता है इस इंतजार में खौस तौर से छात्राओं को काफी मुश्किलें पेश आती है।

जिला मुख्यालय से प्रतिदिन सैकड़ों छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए नगर से बाहर जाते है। ऐसे विद्यार्थियों की मांग है कि यदि एक दो सरकारी बस चलने लगे तो उनको फायदा हो सकता है। पहले ग्रामोदय चलाता था बस

नगर से महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में भी करीब दो सैकड़ा छात्र-छात्राएं जाते है पहले विवि एक बस का संचालन करता था लेकिन करीब चार साल से वह बस भी बंद है। ऐसे में वहां पढ़ने वाले युवाओं को कई साधन बदल कर विवि तक पहुंचना पड़ता है। तमाम युवा तो प्रतिदिन विवि पहुंच भी नहीं पाते है जिससे उनकी शैक्षिक गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे ही संस्थानों में आईटीआई शिवरामपुर, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) शिवरामपुर, गोस्वामी तुलसीदास राजकीय महाविद्यालय बेड़ी पुलिया, जगद्गुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय और आरसेटी केंद्र शिवरामपुर है। टेंपों है एक मात्र सहारा

इन शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थान में पहुंचे के लिए एक मात्र सहारा टेंपो है। हालांकि अधिकांश स्थान हाइवें पर स्थिति है लेकिन समय से बसें नहीं मिलती है ऐसे में क्षमता से अधिक सवारियां वाले टेंपों में छात्र-छात्राओं को भी सफर करना पड़ता है या फिर खाली टेंपो क लिए घंटो इंतजार करना पड़ता है। 'विद्यार्थियों की असुविधा को देखते हुए एक बस सेवा बहुत जरूरी है जो स्थानीय शैक्षणिक संस्थाओं के ध्यान में रखकर रूट चार्ट बना चलाई जाए ताकि छात्र-छात्राओं को अधिक देर तक साधन के इंतजार में नहीं खड़ा रहना पड़े।

- डॉ राजेश कुमार पाल - प्रभारी प्राचार्य - गोस्वामी तुलसीदास राजकीय महाविद्यालय चित्रकूट।

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