मृत बच्चे को लिए बैठी रही जच्चा,नहीं आई एंबुलेंस

चित्रकूट,जागरण संवाददाता : जिला चिकित्सालय के बाहर मृत बच्चे को लिए जच्चा घंटों ठंडी हवाओं के बीच बै

By Edited By: Publish:Thu, 01 Dec 2016 08:51 PM (IST) Updated:Thu, 01 Dec 2016 08:51 PM (IST)
मृत बच्चे को लिए बैठी रही जच्चा,नहीं आई एंबुलेंस

चित्रकूट,जागरण संवाददाता : जिला चिकित्सालय के बाहर मृत बच्चे को लिए जच्चा घंटों ठंडी हवाओं के बीच बैठी रही लेकिन पति के बार-बार फोन करने के बाद 102 नंबर एंबुलेंस नहीं आई। आखिर में उसे प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ा।

जननी सुरक्षा योजना को पलीता लगाने में एंबुलेंस चालक कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। आए दिन प्रसूताएं घर जाने को घटो इंतजार के बावजूद मायूस होकर प्राइवेट वाहन से घर जाने को मजबूर होती हैं। एंबुलेंस चालकों की मनमानी की कोई सुध लेने वाला नहीं है। जननी सुरक्षा योजना की लगातार धज्जिया उड़ाई जा रही है। एक ओर सरकार जहा जच्चा-बच्चा की सुरक्षा को एंबुलेंस सेवाएं संचालित कर लाभ प्रदान करने को कटिबद्ध है, वहीं सही देखरेख के अभाव में छवि धूमिल हो रही है। आए दिन अस्पताल के बाहर एंबुलेंस के इंतजार में प्रसूताएं खड़ी रहती है। घटो बीतने के बावजूद एंबुलेंस का पता नहीं चलता। थक-हारकर प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ता है।

ऐसा ही एक मामला मानिकपुर तहसील क्षेत्र के छेरिहा खुर्द गाव की चुनबादी पत्‍‌नी राकेश उर्फ जउवा यादव को मा प्रेमा देवी निवासी बराह माफी ने प्रसव पीड़ा दौरान बुधवार की शाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानिकपुर में भर्ती कराया। गुरुवार की सुबह प्रसव होने के बाद बच्चे की हालत नाजुक होने पर 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल रिफर किया गया। अस्पताल पहुंचने पर डाक्टरों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। मृत बच्चे को घर ले जाने के लिए प्रसूता परिजनों के साथ घटो एंबुलेंस का इंतजार करती रहीं। बार-बार प्रसूता का पति एंबुलेंस के लिए 102 नंबर में फोन करता रहा। किंतु एंबुलेंस नहीं आई। मजबूरन प्राइवेट वाहन के सहारे परिजन प्रसूता को घर ले गए। इस संबंध में सीएमओ डा. रामजी पांडेय ने बताया कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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