मौसम की मार पड़ी तो डूबेगी अन्नदाताओं की पूंजी

धान के कटोरे में मौसम की बेरूखी ने अन्नदाताओं की धड़कन को बढ़ा दिया है। आने वाले दिनों में तेज हवा के साथ बारिश हुई तो मौसम की मार से अन्नदाताओं की पूंजी डूबेगी। रविवार को मौसम का मिजाज बदला रहा। भोर में तेज हवा के साथ हल्की बूंदा बांदी हुई। वहीं सुबह से ही धूप छांव का खेल चलता रहा। इससे किसानों के माथे पर चिता की लकीरें देखने को

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Apr 2019 09:26 PM (IST) Updated:Mon, 08 Apr 2019 06:17 AM (IST)
मौसम की मार पड़ी तो डूबेगी अन्नदाताओं की पूंजी
मौसम की मार पड़ी तो डूबेगी अन्नदाताओं की पूंजी

जासं, चंदौली : धान के कटोरे में मौसम की बेरूखी ने अन्नदाताओं की धड़कन को बढ़ा दिया है। आने वाले दिनों में तेज हवा के साथ बारिश हुई तो मौसम की मार से अन्नदाताओं की पूंजी डूबेगी। रविवार को मौसम का मिजाज बदला रहा। भोर में तेज हवा के साथ हल्की बूंदा बांदी हुई। वहीं सुबह से ही धूप छांव का खेल चलता रहा। इससे किसानों के माथे पर चिता की लकीरें देखने को मिली। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश हुई तो गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचेगा।

रबी के चालू सीजन में गेहूं की खेती 1,13,766 हेक्टेअर में की गई है। कृषि विभाग की ओर से 383.589 मैट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित है। वहीं उत्पादकता 33.72 क्विटल प्रति हेक्टेअर है। पिछले वर्ष की तुलना में उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि की गई है। वर्तमान में 90 फीसदी फसल पककर तैयार है। पिछले दिनों आए दिन आसमान में छायी बदली के कारण फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका बढ़ गई थी लेकिन एक सप्ताह से फसल के लिए मौसम अनुकूल बना हुआ था। शनिवार से एक बार फिर मौमस के करवट लेने से किसान परेशान हो गए हैं।

बरहनी प्रतिनिधि के अनुसार- किसानों की गेहूं की फसल पक कर तैयार है। शनिवार की रात से ही मौसम का रूख देख किसान सहम गए हैं। किसानों का कहना है कि बारिश हुई तो उनकी गाढ़ी कमाई पर बट्टा लगेगा। रविवार को हल्की फुहारें भी पड़ी।

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वर्जन

आसमान में बदली छायी हुई है। तेज हवा के साथ बारिश हुई तो गेहूं की फसल को नुकसान पहुंच सकता है। इससे अनाज की गुणवत्ता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

डा. अभयदीप गौतम, पादप वैज्ञानिक

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