दीनदयाल उपाध्याय का नाम लेकर इतिहास हो गया मुगलसराय जंक्शन

देश के विशालतम रेलवे जंक्शन में शामिल मुगलसराय रविवार को एकात्मवाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम समर्पित हो जाएगा।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sat, 04 Aug 2018 09:48 PM (IST) Updated:Sun, 05 Aug 2018 11:48 PM (IST)
दीनदयाल उपाध्याय का नाम लेकर इतिहास हो गया मुगलसराय जंक्शन
दीनदयाल उपाध्याय का नाम लेकर इतिहास हो गया मुगलसराय जंक्शन

चंदौली (जेएनएन)।  भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रेलमंत्री पीयूष गोयल और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय की मौजूदगी में रविवार को मुगलसराय जंक्शन पं दीनदयाल उपाध्याय का नाम लेकर इतिहास के पन्नों में चला गया। यहां बाकले ग्राउंड पर इसके लिए समारोह, जनसभा और पं.दीनदयाल को श्रद्धांजलि दी गई। भाजपा अध्यक्ष ने मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन किए जाने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार जताया और कहा कि एकात्म मानववाद के प्रणेता पं.दीनदयाल के बताए रास्तों पर चलते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार आम आदमी के कल्याण में लगी है।

देश के विशालतम रेलवे जंक्शन में शामिल मुगलसराय आज तारीख 05 अगस्त 2016 को एकात्मवाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम समर्पित हो गया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं रेलमंत्री पीयूष गोयल समेत कई दिग्गज संयुक्त रूप से रिमोट से रेलवे के इतिहास में नामकरण का नया अध्याय जोड़ा। बड़ी संख्या में जनसमुदाय इस मौके के उत्सव का साक्षी बना। 

रविवार को बड़ा समारोह होगा 

मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलने को लेकर हो रहे एक समारोह में रेलमंत्री पीयूष गोयल, रेल राज्यमंत्री व संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय बाकले मैदान में औपचारिक घोषणा के गवाह बने। रिमोट का बटन दबते ही जंक्शन पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन का नाम एलईडी लाइटों से जगमगा उठा। इसके साथ ही संघ परिवार समेत कई संगठनों का सपना अरसे बाद साकार हो गया।

दीनदयाल उपाध्याय की यादें

1968 में 11 फरवरी को पं. दीनदयाल  का शव रेलवे जंक्शन के निकट पोल संख्या 1276 के पास पड़ा मिला था। संघ परिवार में उसके बाद ही शहर एवं जंक्शन का नाम उनको समर्पित करने की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी। 1992 में सूबे के सीएम रहे कल्याण सिंह ने पंडित दीनदयाल नगर के नाम की घोषणा भी की थी, जो साकार नहीं हो सका। अब एशिया में पहचान रखने वाले यहां के विशालतम मार्शिलिंग यार्ड को स्मार्ट यार्ड, आधुनिक सिग्नल रूट रिले इंटरलाकिंग प्रणाली, स्टेशन का विकास के साथ एकात्मता एक्सप्रेस का सप्ताह में की सौगात, आधी आबादी से पूर्णतया संचालित मालगाड़ी,  दीनदयाल शोध संस्थान में 63 फीट मूर्ति का भी शिलान्यास आदि बहुत कुछ जनता के सामने है। 

इतिहास बनेगा 150 साल पुराना स्टेशन 

उल्लेखनीय है कि मुगलसराय जंक्शन उत्तर प्रदेश का 150 साल पुराना स्टेशन है। यह दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन पर स्थित उत्तर भारत का बड़ा रेलवे जंक्शन है। इसका नाम बदलकर संघ विचारक दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखने के साथ ही यह इतिहास के पन्नों में चला गया। इतिहासकार और विरासत विशेषज्ञ इसे रेलवे की विरासत को क्षति पहुंचाने वाला कदम मानते हैं। यह भारतीय रेलवे के विस्तार का एक बड़ा अध्याय है। 

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