गंवई राजनीति में उलझीं निगरानी समितियां

गंवई राजनीति में उलझीं निगरानी समितियां

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 May 2020 06:36 PM (IST) Updated:Fri, 22 May 2020 06:36 PM (IST)
गंवई राजनीति में उलझीं निगरानी समितियां
गंवई राजनीति में उलझीं निगरानी समितियां

जासं, सैयदराजा (चंदौली) : गांवों में बाहर से आने वालों पर नजर रखने और जिला प्रशासन तक सूचना पहुंचाने को गठित निगरानी समितियां गंवई राजनीति में उलझती नजर आ रही हैं। निगरानी समिति के सदस्यों में आपसी तालमेल का भी अभाव देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि जिला प्रशासन और कंट्रोल रूम तक सटीक सूचनाएं नहीं पहुंच पा रहीं हैं।

लॉकडाउन लागू होने के बाद बाहर से आने वालों के लिए प्रत्येक गांव में क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। यदि घर में पर्याप्त कमरे हैं तो होम क्वारंटाइन का विकल्प भी खुला है। बाहर से आने वालों पर नजर रखने के लिए ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में सभी गांवों में निगरानी समिति गठित की गई है। आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ ही गांव के संभ्रांत व जिम्मेदार लोग भी इस समिति में शामिल हैं। बावजूद इसके लोग घरों में रहने की बजाए घूमते-फिरते नजर आ रहे हैं। जिम्मेदार लोग चुप्पी साधे हैं। शिकायत ग्राम प्रधान से की जाती है तो वे राजनीतिक कारणों से मौन साध ले रहे हैं। निगरानी समितियों की बजाए ग्रामीण थाना और अफसरों को सूचित कर रहे हैं। सीओ केपी सिंह ने कहा निगरानी सामितियों को होम क्वारंटाइन लोगों पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई है। निर्देशों के उल्लंघन की सूचना न देने पर समिति के सदस्यों पर कार्रवाई की जा सकती है।

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