मीरा के निष्कपट प्रेम से भाव विभोर हो गए श्रोता

दुर्गा मंदिर पोखरे पर चल रहे रासलीला के पांचवें दिन सोमवार की रात मीरा चरित्र का मंचन किया गया ।व्यास ने परंपरागत ढंग से भक्त मीरा के प्रभु के प्रति प्रेम और उनकी ननद उधा के हृदय परिवर्तन का सजीव प्रदर्शन कगया गया । बिद्राबन बरसाना की श्री लाडली कृपा रासलीला बरसाना के कलाकारों द्वारा किए जा रहे रास नृत्य देखकर लोग भाव विभोर हो गए।राधे राधे श्री कृष्ण के जयकारों के बीच भगवान की आरती ग्राम प्रधान प्रभु नारायण जायसवाल शंकर सेठ और शिव नारायण जायसवाल के द्वारा उतारी गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 Nov 2019 07:40 PM (IST) Updated:Tue, 05 Nov 2019 07:40 PM (IST)
मीरा के निष्कपट प्रेम से भाव विभोर हो गए श्रोता
मीरा के निष्कपट प्रेम से भाव विभोर हो गए श्रोता

जासं, नौगढ़ (चंदौली) : दुर्गा मंदिर पोखरा परिसर में चल रही रासलीला के पांचवें दिन सोमवार की रात मीरा चरित्र का मंचन किया गया। कलाकारों ने मीरा के प्रभु के प्रति प्रेम और उनकी ननद उधा के हृदय परिवर्तन का सजीव प्रदर्शन किया। वृंदावन बरसाना के श्रीलाडली कृपा रासलीला के कलाकारों द्वारा रास नृत्य देखकर लोग भाव विभोर हो गए। राधे राधे श्री कृष्ण के जयकारों के बीच भगवान की आरती ग्राम प्रधान प्रभु नारायण जायसवाल, शंकर सेठ व शिव नारायण जायसवाल ने की। डोरीलाल महाराज ने बताया कि मीरा पूर्व जन्म में कन्हैया की एक गोपी थी। उनका उसका विवाह उनके सखा के साथ हुआ था। वह गोपी जब नंदगांव जाने लगी तो उसकी मां ने कहा कि तू कृष्ण का मुख मत देखना, क्योंकि जो भी उसका मुख देखता है वह उसके पीछे पागल हो जाता है। मीरा का विवाह चित्तौड़ के राजा भोजराज के साथ हुआ, लेकिन मीरा कहती हैं कि मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरों न कोई। मीरा को सताया जाने लगा। गोपाल के मूर्ति की चोरी करवाई गई, पिटारे में सांप भेजा और विष का प्याला पिलाया, परंतु भगवान ने मीरा की रक्षा की। अंत में मीरा वृंदावन आई।

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