रेल फ्रेट कारिडोर के लिए अधिग्रहित मकानों पर चला बुलडोजर

रेल फ्रेट कारिडोर के कार्य लिए अधिग्रहित की गई जमीन से बुधवार को बुलडोजर चलाकर कब्जा खाली कराया गया। एसडीएम विजय नारायण सिंह व डीएफसीसी की मौजूदगी में जेसीबी से रेलवे ट्रैक के किनारे बने मकानों को जमींदोज कर दिया गया। पिछले दिनों मकान गिराने पहुचे डीएफसीसी के कर्मी को गृहस्वामियों का विरोध झेलना पड़ा था। गृहस्वामी एसडीएम से घरों में समान होने और रहने का प्रबंध न होने का हवाला देते हुए महीने भर का समय मांगे थे। एसडीएम ने उन्हें घर खाली करने के लिए हफ्ते भर का समय दिया था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 06:29 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 06:29 PM (IST)
रेल फ्रेट कारिडोर के लिए अधिग्रहित मकानों पर चला बुलडोजर
रेल फ्रेट कारिडोर के लिए अधिग्रहित मकानों पर चला बुलडोजर

सबहेड---किसानों को पुनर्वास, मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का किया गया था वादा फोटो- 16 कार्रवाई

-रेलवे ट्रैक के किनारे बने मकानों को किया गया जमींदोज

-एसडीएम ने घर खाली करने को एक हफ्ते का दिया था समय

जागरण संवाददाता, सैयदराजा (चंदौली) : रेल फ्रेट कारिडोर के कार्य लिए अधिग्रहित की गई जमीन से बुधवार को बुलडोजर चलाकर कब्जा खाली कराया गया। एसडीएम विजय नारायण सिंह व डीएफसीसी की मौजूदगी में जेसीबी से रेलवे ट्रैक के किनारे बने मकानों को जमींदोज कर दिया गया। पिछले दिनों मकान गिराने पहुचे डीएफसीसी के कर्मी को गृहस्वामियों का विरोध झेलना पड़ा था। गृहस्वामी एसडीएम से घरों में समान होने और रहने का प्रबंध न होने का हवाला देते हुए महीने भर का समय मांगे थे। एसडीएम ने उन्हें घर खाली करने के लिए हफ्ते भर का समय दिया था।

लगभग दो हफ्ते बाद अधिग्रहित जमीन को खाली कराया गया। एसडीएम ने कहा कि मोहलत के अनुसार अधिग्रहित जमीन को खाली कराया जा रहा है। रेलवे ने 2011 में फ्रेट कारिडोर परियोजना के तहत रेलवे लाइन के चौड़ीकरण के लिए रेलवे क्रासिग के पास जमीन का अधिग्रहण किया था। अधिग्रहण के दौरान किसानों को पुनर्वास, मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही गई थी। लेकिन जमीन आबादी की होने के कारण प्रशासन ने केवल मकान का ही मुआवजा दिया। आबाद लोगों ने उच्चाधिकारियों व हाइकोर्ट में गुहार लगाई लेकिन आबादी की जमीन पर नाम दर्ज नहीं होने के कारण आबाद लोगों को निराशा ही हाथ लगी।

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