किताबें बनेंगी सहारा, छात्र गाइड से करेंगे किनारा

सफलता को गाइड पर निर्भर रहने वाले यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों को खबर से निराशा हो सकती है। लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने को माध्यमिक शिक्षा परिषद ने स्कूलों में गाइड के प्रचलन को समाप्त करने का निर्णय लिया है। चालू शैक्षिक सत्र से राजकीय अशासकीय और मान्यता प्राप्त वित्तविहीन स्कूलों में एनसीईआरटी की निर्धारित पुस्तकें ही पढ़ाई जाएंगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 07:07 PM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2019 06:10 AM (IST)
किताबें बनेंगी सहारा, छात्र गाइड से करेंगे किनारा
किताबें बनेंगी सहारा, छात्र गाइड से करेंगे किनारा

जासं , पीडीडीयू नगर, (चंदौली): सफलता को गाइड पर निर्भर रहने वाले यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों को खबर से निराशा हो सकती है। लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने को माध्यमिक शिक्षा परिषद ने स्कूलों में गाइड के प्रचलन को समाप्त करने का निर्णय लिया है। चालू शैक्षिक सत्र से राजकीय, अशासकीय और मान्यता प्राप्त वित्तविहीन स्कूलों में एनसीईआरटी की निर्धारित पुस्तकें ही पढ़ाई जाएंगी। शिक्षक गाइड के लिए छात्रों को विवश नहीं करेंगे, बल्कि उन्हें किताबों से अध्ययन करने को प्रेरित करेंगे। निगरानी को जिला विद्यालय निरीक्षक स्तर पर टीम गठित कर दी गई है जो सुनिश्चित करेगी कि विद्यालय मनमानी न कर सकें।

एनसीईआरटी की 47 पाठ्यपुस्तकें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों की हमसफर बनेंगी। पाठ्यक्रम के आधार पर माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में संचालित किया जाएगा। किताबों के लिए शासन स्तर से ही पांच मुद्रकों को अधिकृत किया गया है। प्रधानाचार्यों को स्पष्ट निर्देश है कि शासन की मंशानुसार अपने-अपने विद्यालयों में निर्धारित पाठ्यपुस्तकों के माध्यम से पठन-पाठन सुनिश्चित कराएं। यह भी कि किताबों के साथ गाइड खरीदने को छात्रों को बाध्य न किया जाए।

सस्ती किताबों से होगी सहूलियत

एनसीईआरटी की कक्षा नौ और 10 की विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित, 11 और 12 की भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, इतिहास भूगोल, नागरिक शास्त्र और अर्थशास्त्र विषय की 47 पाठ्यपुस्तकों की मूल्य के साथ सूची विद्यालयों को उपलब्ध करा दी गई है। पुस्तकें 11 रुपये से लेकर अधिकतम 77 रूपये मूल्य तक की हैं। निर्देश है कि इससे अधिक मूल्य की पुस्तकों से शिक्षण संस्थानों में पठन-पाठन न कराया जाए। जनपद में कुल 244 हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कालेज संचालित हैं, जिनमें व्यवस्था लागू की जाएगी।

..वर्जन...

एनसीईआरटी की निर्धारित पुस्तकों से पढ़ाई कराए जाने के बाबत प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया जा चुका है। यह भी कहा गया है कि छात्रों को गाइड खरीदने के लिए बाध्य न किया जाए। टीम गठित कर निरीक्षण करवाया जा रहा है। कुछ पुस्तकें बाजार में उपलब्ध नहीं हैं, जो शीघ्र ही आ जाएंगी।

डा. विनोद कुमार राय, डीआईओएस

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