275 करोड़ का लेने-देन प्रभावित

मांगों को लेकर शुक्रवार को हुई बैंकों की हड़ताल से अर्थव्यवस्था चरमरा गई। एसबीआइ, यूबीआइ, बॉब, इलाहाबाद बैंक समेत जिले की 131 शाखाओं के बंद रहने से करीब 275 करोड़ लेनदेन व क्लिय¨रग का कारोबार प्रभावित हुआ। ग्राहक बैंकों पर लटके ताले देख इस आस में चक्कर लगाते रहे कि बैंक खुलेगे। हालांकि गेटों पर लगा हड़ताल का बोर्ड देख उन्हें लौटना पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Dec 2018 09:01 PM (IST) Updated:Fri, 21 Dec 2018 11:30 PM (IST)
275 करोड़ का लेने-देन प्रभावित
275 करोड़ का लेने-देन प्रभावित

जागरण संवाददाता, चंदौली : मांगों को लेकर शुक्रवार को हुई बैंकों की हड़ताल से जनपद की अर्थ व्यवस्था चरमरा गई। एसबीआइ, यूबीआइ, बॉब, इलाहाबाद बैंक समेत जिले की 131 शाखाओं के बंद रहने से करीब 275 करोड़ लेनदेन व क्लिय¨रग का कारोबार प्रभावित हुआ। ग्राहक बैंकों पर लटके ताले देख इस आस में चक्कर लगाते रहे कि बैंक खुलेंगे। हालांकि गेटों पर लगा हड़ताल का बोर्ड देख उन्हें लौटना पड़ा। नोट उगलने वाले एटीएमों ने भी रोज की तरह धोखा दे दिया। ज्यादातर एटीएम पैसों से खाली थे। इससे ग्राहकों को मायूस होकर लौटना पड़ा। अधिकारियों ने कहा उनकी मांगों पर सरकार विचार नहीं करेगी तो 26 दिसंबर को पुन: हड़ताल की जाएगी।

आल इंडिया बैंक आफिसर्स कंफडेरशन के आह्वान पर शुक्रवार की सुबह ही बैंकों पर ताले लटक गए। जगह-जगह बैठकों का दौर सुबह से ही शुरू हो गया।

पीडीडीयू नगर कार्यालय के अनुसार पुरानी पेंशन योजना लागू करने और वेतन वृद्धि सहित विभिन्न मांगों को लेकर बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल की। लगभग 125 करोड़ रुपये के लेन-देन और क्लिय¨रग का कार्य प्रभावित हुआ। कर्मियों ने कहा नवंबर 2017 से 14 लाख बैंक कर्मियों की वेतन वृद्धि लंबित है। मांगों को लेकर जब असहाय और मजबूर हो जाते हैं तभी हड़ताल करते हैं। समान कार्य को समान वेतन सभी के लिए संविधान प्रदत्त मानवाधिकार है। लेकिन इसे दरकिनार कर अधिक कार्य और कम वेतन का फार्मूला लगा दिया गया।

चकिया कार्यालय के अनुसार नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कर्मियों की हड़ताल से शुक्रवार को बैंकों पर ताला लटका रहा। दूरस्थ गांवों से आए ग्राहकों को इसके चलते हलकान होना पड़ा। व्यापारियों को भी मुश्किलें हुईं। बैंक कर्मियों ने शाखा के समक्ष प्रदर्शन कर विलय का विरोध किया। हड़ताल के चलते नौगढ़, शहाबगंज, इलिया, बबुरी, सिकंदरपुर, शिकारगंज व तिवारीपुर के बैंक बंद रहे। इनमें लगभग 40 करोड़ लेनदेन व क्लिय¨रग प्रभावित रही। बैंक कर्मियों की ये हैं मांग

स्केल वन से सात तक सभी बैंक अधिकारियों को भारत सरकार के अन्य कार्यालयों के समान वेतन मिले। चार्टर ऑफ डिमांड के अनुरूप वेतन समझौता हो। निजीकरण बंद हो, बैंकों का कार्य दिवस छह दिन के बजाय पांच दिन किया जाए। नई पेंशन नीति बदली जाए पुरानी व्यवस्था लागू हो। बैंक को थर्ड पार्टी के कामों से मुक्त किया जाए और उसे सिर्फ कोर बैं¨कग करने दिया जाए। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अधिकारियों को राष्ट्रीयकृत बैंकों की तर्ज पर पेंशन एवं अन्य लाभ दिए जाएं। बैंकों में आउट सोर्सिंग न रखे जाएं।

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