मतभेदों को भुलाकर संगठन को मजबूत करें कार्यकर्ता: गोस्वामी

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव राणा गोस्वामी ने कहा कि संगठन को मजबूत स्थिति में खड़ा करना है। इसके लिए कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को आपसी मतभेद भुलाकर जमीनी स्तर पर काम करना होगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Jul 2019 11:51 PM (IST) Updated:Fri, 19 Jul 2019 11:51 PM (IST)
मतभेदों को भुलाकर संगठन को मजबूत करें कार्यकर्ता: गोस्वामी
मतभेदों को भुलाकर संगठन को मजबूत करें कार्यकर्ता: गोस्वामी

बुलंदशहर, जेएनएन। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव राणा गोस्वामी ने कहा कि संगठन को मजबूत स्थिति में खड़ा करना है। इसके लिए कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को आपसी मतभेद भुलाकर जमीनी स्तर पर काम करना होगा। जनसमस्याओं को मुद्दा बनाकर कार्यकर्ता समाधान कराएं। जरुरत पड़े तो जनता को साथ लेकर आंदोलन करें।

शहर के कलश होटल में आयोजित कांग्रेस की समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय सचिव के सामने लोकसभा चुनाव की हार पर मंथन किया गया। इसके बाद राणा गोस्वामी ने चार राउंड कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के साथ बैठक की। कई नेताओं से उन्होंने अलग-अलग मुलाकात की। राणा ने कहा कि सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारी मान-सम्मान प्रतिष्ठा के लिए अपने मतभेदों को भुला दें। मतभेद में कार्यकर्ता एक दूसरे से बात तक नहीं करते। हर गांव, हर गली, हर जाति और मोहल्ले में कार्यकर्ता की पकड़ होनी चाहिए। भाजपा की जनविरोधी नीतियों को मुद्दा बनाकर जनहित में विरोध करें। पूर्व जिलाध्यक्ष सुभाष गांधी, मुनीर अकबर और सुशील चौधरी ने राष्ट्रीय सचिव का स्वागत किया। सच्चिदानंद गौड़, जिला पंचायत सदस्य सुनील चरौरा, डा. अशोक सोलंकी, राकेश भाटी, सुभाष शर्मा, पूर्व विधायक बंशी पहाड़िया, विनय शर्मा, महिपाल सैनी आदि मौजूद रहे। कार्यकर्ता लेकर पहुंचे दावेदार

जिलाध्यक्ष की दौड़ में शामिल सुशील चौधरी, सुभाष गांधी, सचिदानंद गौड़ समेत कई दावेदार अपने साथ कार्यकर्ताओं को लेकर पहुंचे। दावेदारों ने अपनी समर्थकों से नारे लगवाकर अपनी दावेदार का अहसास कराया।

धक्का-मुक्की और नोकझोंक

-जैसे ही राष्ट्रीय सचिव पहुंचे तो कार्यकर्ता और पदाधिकारियों में मिलने के लिए आपाधापी मच गई। कार्यकर्ताओं में खूब धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता एडवोकेट रविंद्र शर्मा एक फाइल लेकर पहुंचे। एडवोकेट को राष्ट्रीय सचिव ने हटने के लिए कहा तो दोनों में खूब नोकझोंक हुई। पदाधिकारियों ने दोनों को शांत किया। इसके बाद बैठक सुचारू हुई।

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