श्रद्धा के संकल्प से नीम नदी हो रही पुनर्जीवित

जेएनएन बुलंदशहर एक पत्थर तो तबियत से उछालों यारों कौन कहता है आसमां में छेद नहीं होता है मशहूर लेखक दुष्यंत कुमार की ये पंक्तियां दैनिक जागरण के अभियान पर चरितार्थ हो रहीं हैं। जिले में दैनिक जागरण की मुहिम का कारवां शिद्दत से लगातार आगे बढ़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:21 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:21 PM (IST)
श्रद्धा के संकल्प से नीम नदी हो रही पुनर्जीवित
श्रद्धा के संकल्प से नीम नदी हो रही पुनर्जीवित

जेएनएन, बुलंदशहर : एक पत्थर तो तबियत से उछालों यारों कौन कहता है आसमां में छेद नहीं होता है मशहूर लेखक दुष्यंत कुमार की ये पंक्तियां दैनिक जागरण के अभियान पर चरितार्थ हो रहीं हैं। जिले में दैनिक जागरण की मुहिम का कारवां शिद्दत से लगातार आगे बढ़ रहा है।

दैनिक जागरण ने नीम नदी को पुनर्जीवित करने के लिए चार माह पहले नीम नदी उद्गम स्थल हापुड़ के दतियाना से आओ बचाएं नीम नदी अभियान की शुरूआत की थी। जिले में नदी को पुनर्जीवित करने का काम शुरू हो गया है। जीवन धारा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. हरिओम शर्मा ने शुक्रवार को गांव निखोव में बैठक कर ग्रामीणों को नीम नदी बचाने के लिए जागरूक किया। डा. हरिओम ग्रामीणों के साथ नीम नदी किनारे पहुंचे और ग्रामीणों को नदी को पुनर्जीवित करने के लिए संकल्प दिला श्रमदान किया। दैनिक जागरण के अभियान ने अब जनांदोलन के रूप में परिवर्तित हो रहा है। डीएम रविन्द्र कुमार और नदी पुत्र रमनकांत त्यागी ने मंगलवार को स्याना के नयाबांस गांव में नीम नदी को पुनर्जीवित करने के लिए श्रमदान और पौधारोपण कर जिले में कार्यक्रम की शुरूआत की थी। जिले में भी अब नीम नदी को पुनर्जीवित करने की मुहिम ने रंग लाना शुरू कर दिया है। शीघ्र ही नदी कल-कल बहनी शुरू हो गई है।

चार गांवों में हुआ चिन्हीकरण

तहसील प्रशासन ने स्याना के खादमोहननगर, महाव, नयाबांस, देहरा से गुजर रहीं नीम नदी की भूमि के चिह्नांकन का काम पूरा कर लिया है। नदी किनारों के पौधारोपण करने के लिए गड्ढे खोदने का काम भी शुरू करा दिया गया है।

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इन्होंने कहा..

नीम नदी को पुनर्जीवित करने के लिए कार्य योजना तैयार कर काम शुरू करा दिया है। सामाजिक संस्थाओं के साथ आम जन को भी नीम नदी को पुनर्जीवित करने में भागीदारी के लिए आगे आना होगा।

- रविन्द्र कुमार, डीएम

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नदियों को बचाना हम सबकी जिम्मेदारी हैं। नीम नदी को बचाने के लिए आम लोगों को जागरूक कर श्रमदान कराया गया है। यह क्रम लगातार जारी रहेगा।

- डा. हरिओम शर्मा, अध्यक्ष जीवन धारा फाउंडेशन

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