तबादला न होने के अवसाद में सिपाही ने की खुदकशी

बागपत जिले में तैनात गांव मलकपुर गांव निवासी सिपाही ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Mar 2019 10:56 PM (IST) Updated:Fri, 01 Mar 2019 10:56 PM (IST)
तबादला न होने के अवसाद में सिपाही ने की खुदकशी
तबादला न होने के अवसाद में सिपाही ने की खुदकशी

अनूपशहर (बुलंदशहर):

बागपत जिले में तैनात गांव मलकपुर गांव निवासी सिपाही ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों का कहना है कि तबादला न होने के कारण अवसाद में आकर उन्होंने यह कदम उठाया है।

मलकपुर गांव निवासी कुवेंद्र सिंह (34) पुत्र भूप सिंह उप्र. पुलिस में बागपत जिले में डायल-100 पर तैनात थे। बीस दिन पहले वह एक माह की छुट्टी लेकर गांव आए थे। बताया गया है कि 28 फरवरी की रात कुवेंद्र सिंह ने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सिपाही के पिता भूप सिंह की सूचना पर रात में ही पुलिस मौके पर पहुंची। कमरे की दीवार तोड़कर पंखे के सहारे फंदे पर लटके शव को नीचे उतारा गया। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम को भेज दिया। मौके पर पहुंचे सीओ अतुल कुमार चौबे ने इसकी सूचना बागपत पुलिस को दे दी। दस साल पहले हुई थी शादी

सिपाही के बड़े भाई ज्ञानेन्द्र सिंह ने बताया कि तीन भाइयों में कुवेंद्र सबसे छोटा था। वर्ष 2006 में उसकी पुलिस में भर्ती हुई थी। वर्ष 2009 में सिकंदराबाद क्षेत्र के गांव गेसूपुर की ममता से शादी हुई थी। कुवेंद्र के दो बेटे पुनीत (9) व मयंक (5) हैं। बड़ा बेटा नगर के स्कूल में कक्षा तीन में जबकि छोटा बेटा गांव में ही पढ़ता है।

परिजन बोले, काम का बोझ था

ज्ञानेंद्र ने बताया कि 20 दिन पहले कुवेंद्र एक माह की छुट्टी लेकर गांव आया था। 23 फरवरी को वह अपने मित्रों के साथ घूमने गया था। 28 फरवरी को वापस लौटकर कुवेंद्र ने रात्रि एक बजे अंदर से कमरे की कुंडी लगाने के बाद आत्महत्या कर ली। बकौल ज्ञानेंद्र, सभी भाइयों का अपना अलग मकान व काम है। जमीन का बंटवारा नहीं हुआ है। पिता खेती देखते हैं। हमारा परिवार संपन्न है और आपस में भी कोई मतभेद भी नहीं थे। उन्होंने बताया कि करीब चार साल से कुवेंद्र बागपत में तैनात था। बागपत से तबादला कराने के लिए कई बार अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भी दिया लेकिन नहीं हो सका। भाई का कहना है काम के बोझ और तबादला न होने के चलते कुवेंद्र ने यह कदम उठाया।

पिता का साया उठा, बच्चों को आभास नहीं

परिजनों को सांत्वना देने के लिए ग्रामीण कुवेंद्र के घर के बाहर जमा थे लेकिन इससे अनजान कुवेंद्र के दोनों बेटे गली में साइकिल चला रहे थे। उन मासूमों को आभास ही नहीं था कि उनके सिर से पिता का साया उठ चुका है। मामले की जांच की जाएगी। परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों की जानकारी बागपत जिले की पुलिस को दे दी है। आगे की कार्रवाई जांच के बाद की जाएगी।

-अतुल कुमार चौबे, सीओ अनूपशहर

chat bot
आपका साथी