दो दिन बाद झेलना पड़ेगा शीत लहर का प्रकोप

जेएनएन बुलंदशहर न्यूनतम तापमान में गिरावट होने से गलन भरी सर्दी बढ़ने लगी है। दिन में खिल रही हल्की धूप राहत नहीं दे पा रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Dec 2021 11:21 PM (IST) Updated:Thu, 16 Dec 2021 11:21 PM (IST)
दो दिन बाद झेलना पड़ेगा शीत लहर का प्रकोप
दो दिन बाद झेलना पड़ेगा शीत लहर का प्रकोप

जेएनएन, बुलंदशहर : न्यूनतम तापमान में गिरावट होने से गलन भरी सर्दी बढ़ने लगी है। दिन में खिल रही हल्की धूप राहत नहीं दे पा रही हैं। वहीं, दिन के साथ रात्रि में भी जबरदस्त ठंड सताने लगी है और पाले का प्रकोप भी बढ़ गया है। अब दो बाद शीत लहर का प्रकोप झेलना पड़ेगा। मौसम विभाग ने पहाड़ों पर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ को देख यह संभावना जताते हुए अलर्ट जारी किया है। केवीके के मौसम वैज्ञानिक डा. रामानंद पटेल के अनुसार उत्तराखंड़ सहित अन्य पहाड़ी स्थानों पर पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के चलते बर्फबारी की आंशका बनी हुई है। ऐसे में पहाड़ी इलाकों पर बरसात एवं बर्फवारी होने का असर मैदानी इलाकों पर दिखाई देगा। न्यूनतम तापमान की वर्तमान स्थिति में दो से चार डिग्री तक गिरावट होने का पूर्वानुमान है। जिसकी वजह से 19 से 21 दिसंबर तक शीत लहर चलने की प्रबल संभावना रहेगी, जो आमजन एवं राहगीरों को ठिठुरने पर मजबूर कर देगी। मौसम में सुबह-शाम धुंध, दोपहर हल्की धूप और उसके बाद गलन लगातार बनी रहेगी। ठंड के तेवर देख रहें सावधान

लोगों को ठंड के तेवर देख सावधान रहना होगा। गर्म कपड़े, सिर पर टोपी या मफलर, हाथों में ग्लव्स नहीं पहनना भारी पड़ जाएगा। सर्दी की चपेट में बीमार पड़ सकते हैं। बच्चों, बुजुर्ग और रोगियों को लेकर सतर्क रहें। वहीं, किसान भाई भी खेतों की निगरानी करते रहें। रवि की फसल में हल्की सिचाई करते रहें। पशुशालाओं को भी करें कवर्ड

पशु वैज्ञानिक डा. मनोज कुमार ने पशुपालकों को भी सचेत किया है। उनका कहना है कि इंसानों के साथ सर्दी पशुओं को सता रही है। इसलिए पशुपालक पशुशाला को बोरी, टाट लगाकर कवर्ड कर दें। उनके बैठने के स्थान एवं सोने के स्थान को सूखा बनाए रखें। इसके लिए पशुशाला में पुआल आदि का बिछावन करें। इन्होंने कहा..

तापमान में गिरावट से ठंड में इजाफा शुरू हो गया है। शुक्रवार को न्यूनतम तापमान दस डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहा। पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ तो पहाड़ों पर बर्फवारी एवं बरसात होगी। जिससे मैदानी क्षेत्रों में तेजी से ठंड बढ़ेगी और शीत लहर का प्रकोप भी झेलना पडे़गा।

डा. रामानंद पटेल, मौसम वैज्ञानिक, केवीके

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