प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर बंदी की खुली किस्मत

बुलंदशहर : सजा पूरी काटने के बाद भी जेल में बंद एक बंदी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर किस्मत खुल गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Sep 2018 10:06 PM (IST) Updated:Mon, 17 Sep 2018 10:06 PM (IST)
प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर बंदी की खुली किस्मत
प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर बंदी की खुली किस्मत

बुलंदशहर : सजा पूरी काटने के बाद भी जेल में बंद एक बंदी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर किस्मत खुल गई। घर की माली हालत खराब होने के कारण परिजन जुर्माना राशि जमा नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर बुलंदशहर की एक संस्था ने बंदी की जुर्मान राशि जमा कर दी, जिसके बाद जेल प्रशासन ने कोर्ट से मिले आदेश के बाद बंदी को सोमवार को जेल से रिहा कर दिया।

जनपद मुरादाबाद के मूढ़ा पांडे थाने के झंडे वाली मिल्क निवासी शाहिद पुत्र याकूब उर्फ यामीन को बुलंदशहर पुलिस ने करीब पांच साल पहले डकैती के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने शाहिद को चार साल की सजा व 2333 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया था। साथ ही आदेश दिया था अगर बंदी अर्थदंड की राशि जमा नहीं करता है तो उसे एक महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी। जिस वक्त पुलिस ने शाहिद को गिरफ्तार किया था, उस समय पुलिस ने सरकारी कागजों में शाहिद का अस्थाई पता नूरहसन का मकान, मऊंखेड़ा देहात कोतवाली बुलंदशहर दर्ज किया था।

सोमवार को प्रभारी जेल अधीक्षक राजेश कुमार पांडे व डिप्टी जेलर ऋत्विक प्रियदर्शी ने बताया कि 30 अगस्त को शाहिद की सजा पूरी होने पर जुर्माना राशि जमा करने के लिए मऊखेड़ा गांव में उसके परिजनों से संपर्क किया गया तो वहां कोई नहीं मिला। इसके बाद जेल प्रशासन ने शाहिद के परिजनों से संपर्क का प्रयास भी किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। शाहिद की मदद के लिए रोटरी क्लब फ्रेंड्स बुलंदशहर से संपर्क किया गया और क्लब के पदाधिकारियों को पूरी स्थिति से अवगत कराया गया। इसके बाद क्लब के पदाधिकारी शाहिद की मदद के लिए आगे आए। उन्होंने 17 सितंबर को न्यायालय में 2333 रुपये की जुर्माना राशि भर दी और कोर्ट ने शाहिद को जेल से रिहा करने के आदेश दे दिए। उन्होंने बताया कि जुर्माना राशि के कागजात मिलते ही शाहिद को सोमवार दोपहर को जेल से रिहा कर दिया गया। रिहाई के दौरान जेल के बाहर शाहिद के परिजन नहीं थे, लेकिन जेल प्रशासन ने एक परिवार की भूमिका अदा की और मुख्य गेट के बाहर तक शाहिद को छोड़ने के लिए प्रभारी जेल राजेश कुमार पांडे, डिप्टी जेलर ऋत्विक प्रियदर्शी, डिप्टी जेलर नागेश ¨सह व डिप्टी जेलर बद्रीप्रसाद मौजूद रहे। कई साल बाद जेल की चाहरदीवारी से बाहर निकले शाहिद ने वहां से जाते वक्त मदद के लिए जेल प्रशासन व रोटरी क्लब फ्रेंड्स का शुक्रिया अदा किया।

chat bot
आपका साथी