संगीत से जीवन में रंग भर रहीं बबीता

महिला हिसा और उत्पीड़न पर लगाम लगाने के लिए बबीता सैनी एक दशक से बालिकाओं को हुनरमंद शिक्षा देकर महिला सशक्तीकरण के काम में लगी हुई हैं। वह लड़कियों को संगीत का हुनर सिखा कर उनके जीवन में रंग भर रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Oct 2020 07:00 PM (IST) Updated:Mon, 19 Oct 2020 07:00 PM (IST)
संगीत से जीवन में रंग भर रहीं बबीता
संगीत से जीवन में रंग भर रहीं बबीता

बुलंदशहर, जेएनएन। महिला हिसा और उत्पीड़न पर लगाम लगाने के लिए बबीता सैनी एक दशक से बालिकाओं को हुनरमंद शिक्षा देकर महिला सशक्तीकरण के काम में लगी हुई हैं। वह लड़कियों को संगीत का हुनर सिखा कर उनके जीवन में रंग भर रही हैं।

अनूपशहर निवासी 35 वर्षीय बबीता सैनी ने इंटर पास करने के बाद महिला हिसा और उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाते हुए महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे। महिला हिसा और उत्पीड़न पर लगाम लगाने के लिए बबीता ने लड़कियों को शिक्षित बनाने की योजना बनाई। लड़कियों को अपने घर पर निश्शुल्क शिक्षा की देनी शुरू कर दी। जिससे 200 से अधिक लड़कियां शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ गई। बबीता ने बालिकाओं को हुनरमंद शिक्षा देने के लिए संगीत विषय से 2006 में एमए किया। लड़कियों को शिक्षित बनाने के साथ ही संगीत के सहारे उनके जीवन में रंग भरने शुरू कर दिए। हुनरमंद शिक्षा देने के साथ ही महिला हिसा और उत्पीड़न के खिलाफ भी लड़ाई जारी रखी। बबीता की महिला हिसा और उत्पीड़न के खिलाफ मुहिम को धार मिलनी शुरू हो गई। बबीता ने लगभग चार दर्जन से अधिक महिलाओं को न्याय दिला चुकी है। महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए लगभग एक दर्जन से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार कराया। स्वारोजगार से महिला आत्म निर्भर बन कर हिसा और उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज उठा सके। बबीता पांच से अधिक लड़कियों को संगीत में पारांगत बन कर महिला सशक्तीकरण कर रही हैं।

..

लड़कियों को शिक्षा की मुख्यधारा में जुड़कर ही महिला सशक्तीकरण का सपना साकार हो सकता है। लड़किया हुनरमंद शिक्षा लेने के बाद महिला सशक्तीकरण के सपने को साकार कर रही है। लड़कियों के शिक्षित होने से हिसा और उत्पीड़न बंद होंगे। महिलाओं को न्याय दिला कर मन सकुन मिलता है।

- बबिता सैनी, प्रधानाचार्य

chat bot
आपका साथी