वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में कर दी खानापूर्ति

रोडवेज परिसर में बनाया गया वाटर हार्वेस्टिंग स्सिटम मानकोंपर खरा नहीं उतर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jan 2019 10:41 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jan 2019 10:41 PM (IST)
वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में कर दी खानापूर्ति
वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में कर दी खानापूर्ति

नजीबाबाद (बिजनौर): वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर दैनिक जागरण की खबर से यूपी रोडवेज परिवहन निगम में खलबली तो मची, लेकिन डिपो के नए भवन में जुटी निर्माण इकाई ने धांधलेबाजी से खामियों पर पर्दा डाल दिया। डिपो में वाटर हार्वेस्टिंग के नाम पर खुलेआम धन की बर्बादी की गई। चार इंच का एकमात्र पाइप जोड़कर वाटर होल बना डाला। नवनिर्मित भवन के एक तिहाई हिस्से का पानी भी नहीं लिया गया। बाहरी क्षेत्र के फर्श का ढाल ऑटो लेवल तकनीक के तहत सीधे नाले में छोड़ा गया है।

करोड़ों रुपये की लागत से नजीबाबाद रोडवेज डिपो के नए भवन का निर्माण किया गया। बाहरी क्षेत्र में प्लेटफार्म निर्माण और फर्श का कार्य अंतिम चरण में है। दैनिक जागरण ने दो दिसंबर के अंक में नए भवन में नहीं बना रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम.. शीर्षक से सचित्र खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद यूपी रोडवेज परिवहन निगम ने आनन-फानन में वाटर हारवे¨स्टग सिस्टम का निर्माण शुरू कराया। जेई जेपी पांडेय की देखरेख में मेरठ की एक कंपनी द्वारा इसका निर्माण शुरू कराया गया। निर्माण इकाई द्वारा वाटर होल ऐसे स्थान पर बनाया गया जहां से नवनिर्मित भवन का बड़ा हिस्सा छूट गया। एकमात्र छोटे भवन की छत से निकले चार इंच के पाइप को वाटर होल से कनेक्ट किया गया। यह है नवनिर्मित भवन का कवर्ड एरिया

निर्माण इकाई के आंकड़ों के अनुसार मुख्य भवन का ग्राउंड फ्लोर 562.14 वर्गमीटर, फ‌र्स्ट फ्लोर 293.52 वर्गमीटर, एआरएम भवन का ग्राउंड फ्लोर 116.45 वर्गमीटर, फ‌र्स्ट फ्लोर 110.83 वर्गमीटर है। इसके अलावा डीजल प्लेटफार्म 71.75 वर्गमीटर और जनरेटर कक्ष 28.81 वर्गमीटर है। इसमें महज एआरएम भवन का ही पानी वाटर होल में छोड़ा गया है। बाहर खुले क्षेत्र में भी भूमिगत चैनल नहीं बनाए गए हैं, बल्कि ऑटो लेवल फर्श बनाकर बारिश के पानी को नाले में डालने की तैयारी की गई है। इनका कहना है

वास्तव में निर्माण के शुरुआती दौर में चूक हुई है, लेकिन अब ऐसा कोई स्थान नहीं था, जहां हार्वेस्टिंग सिस्टम के अंतर्गत वाटर होल बनाकर समूचे भवन और बाहरी क्षेत्र का पानी भूगर्भ में उतारा जाता। - जेपी पांडेय, जेई निर्माण इकाई

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