..और कांवड़ियों की राह में बिछा दिए रोड़े

ऑटोमेटिक मशीन में हाईवे के मौजूदा हालात और भविष्य के लिए उसकी संभावनाओं के आंकड़े स्टोर कर लेती है। राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड के उच्चाधिकारी इन आंकड़ों की समीक्षा करेंगे। इसके बाद हाईवे निर्माण की तकनीक और लेयर का निर्धारण किया जाएगा। -----------

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Feb 2020 10:14 PM (IST) Updated:Mon, 17 Feb 2020 06:07 AM (IST)
..और कांवड़ियों की राह में बिछा दिए रोड़े
..और कांवड़ियों की राह में बिछा दिए रोड़े

बिजनौर, जेएनएन। कांवड़ यात्रा पर निकले कांवड़ियों की राह अब और भी कठिन हो गई है। दरअसल डीएम ने कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले खस्ताहाल हाईवे को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। लेकिन मरम्मत के नाम पर मजाक किया गया। हाईवे पर गड्ढों में रोड़ी भरकर उन पर मिट्टी डाली गई। हाईवे पर यातायात का काफी दबाव होने से चंद घंटों में ही काम में की गई लीपापोती की पोल खुल गई और सड़क पर फैली रोड़ी कांवड़ियों के लिए मुसीबत का कारण बन गई।

भागूवाला क्षेत्र से उत्तर प्रदेश की सीमा शुरू होती है। और यहीं से कांवड़ियों की कठिन डगर का भी आगाज हो जाता है। जी हां, भागूवाला से नजीबाबाद तक जगह-जगह हाईवे की हालत काफी खराब है। कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले डीएम द्वारा ली गई बैठक में एनएच विभाग के अभियंता ने दो दिन में हाईवे की मरम्मत कराने की बात कही थी। पांच दिन बीत गए हैं, लेकिन हाईवे के हालात नहीं सुधरे। बदायूं, पीलीभीत के कांवड़ियों उदय मंडल, विपिन, भोलू का कहना था कि जब वे हरिद्वार जा रहे थे, तो रास्ते में गड्ढे तो थे, लेकिन रोड़ी नहीं फैली थी। लग रहा था कि जैसे-तैसे निकल जाएंगे। लौटकर देखा, तो हाईवे पर जहां-तहां रोड़ी फैली है। इससे चलने में दिक्कत हो रही है। बिजएन- 7 : एफडब्लूडी ने चेक की शहर में हाईवे की स्ट्रेंथ

संवाद सहयोगी, नजीबाबाद: हरिद्वार-काशीपुर फोरलेन बाईपास मार्ग का निर्माण काफी धीमी गति से किया जा रहा है। वहीं शहर के बीच से होकर गुजरने वाले नेशनल हाईवे काफी बदहाल हैं। रविवार को नजीबाबाद क्षेत्र से एनएच की एफडब्लूडी मशीन गुजरी। एनएच के तकनीकी अधिकारियों ने बताया कि एफडब्लूडी मशीन आधुनिक तकनीक पर आधारित मशीन है। यह मशीन हरिद्वार से काशीपुर तक का हाईवे की स्ट्रेंथ का निरीक्षण कर रही है। प्रत्येक 250 मीटर के बाद मशीन रुककर प्लेट्स के जरिए हाईवे पर प्रेशर के साथ दबाव डालती है। ऑटोमेटिक मशीन में हाईवे के मौजूदा हालात और भविष्य के लिए उसकी संभावनाओं के आंकड़े स्टोर कर लेती है। राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड के उच्चाधिकारी इन आंकड़ों की समीक्षा करेंगे। इसके बाद हाईवे निर्माण की तकनीक और लेयर का निर्धारण किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी