होम्योपैथिक दवाइयां कोरोना से बचाव में कारगर
होम्योपैथिक दवाइयां भी कोरोना से बचाव में कारगर हैं। होम्योपैथिक चिकित्सक डा. कौस्तुभ गोयल बताते हैं कि कोरोना संक्रमण को होम्योपैथिक दवाइयों के अनुसार तीन चरण में बाटा गया है। पहले चरण में बुखार बदन दर्द सर दर्द स्वाद और सुगंध नहीं आना खांसी जुखाम गले में खराश खुश्की आंखों में लाली त्वचा पर दाने की समस्या होती है।
जेएनएन, बिजनौर। होम्योपैथिक दवाइयां भी कोरोना से बचाव में कारगर हैं। होम्योपैथिक चिकित्सक डा. कौस्तुभ गोयल बताते हैं कि कोरोना संक्रमण को होम्योपैथिक दवाइयों के अनुसार तीन चरण में बाटा गया है। पहले चरण में बुखार, बदन दर्द, सर दर्द, स्वाद और सुगंध नहीं आना, खांसी, जुखाम, गले में खराश, खुश्की, आंखों में लाली, त्वचा पर दाने की समस्या होती है। इस समय आर्सेनिक एल्बम, जेल्सीमियम, बेलाडोना, ब्रायोनिया, फास्फोरस, एलियम सीपा, एकोनाइट, रसटाक्स आदि दवाई काम करती है। दूसरे चरण में खांसी, बलगम, छाती में जकड़न, सांस का घुटना, बुखार में ठंड लगना, आक्सीजन सेचुरेशन घटना, बुखार तेज होने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती करने और आक्सीजन सपोर्ट की जरूरत होती है। तब आर्सेनिक एल्बम, एंटीमोनियम टारटरिकम, फास्फोरस, वैनेडियम, काफीया क्रूडूम, कार्बो वेज, क्यूपर मैटेलिकम दवा कारगर साबित होती है।
तीसरे चरण में पोस्ट कोविड-19 लक्षण बेचैनी, घबराहट, उदासी, डर, नींद कम आना, एसिडिटी, कब्ज, सीने में दर्द, सांस फूलना, कमजोरी, हाथ पैरों में दर्द, झनझनाहट, आंखों में धुंधलापन, चर्म रोग की स्थिति में जेल्सीमियम, नक्स वामिका, सल्फर, सिनकोना ओफ्फिसिनालिस आदि दवाइयां कारगर हैं। डा.कौस्तुभ कहते हैं कि दवा की शक्ति और डोज मरीज के हाल और रिपोर्ट के अध्ययन के बाद तय होती है। ठंडी और बाहर की चीजों से परहेज, सुपाच्य एवं घर का बना ताजा भोजन ही खाएं। वे कहते हैं कि इंटरनेट मीडिया से कोई भी नुस्खा उठाकर प्रयोग न करें। हमेशा चिकित्सीय परामर्श पर ही दवा लें और घरेलू उपचार करें। डा. कौस्तुभ ने बताया कि दवा के साथ ही कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सतर्कता भी बहुत जरूरी है।