युवा जाग जा, अब तप जा, निखर जा..
नजीबाबाद में वाणी अखिल भारतीय हिदी संस्थान की ओर से आनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। महिलाओं ने मानव के विभिन्न रूपों और उनके व्यक्तित्व को प्रदर्शित करतीं रचनाएं प्रस्तुत कीं।
बिजनौर, जेएनएन। नजीबाबाद में वाणी अखिल भारतीय हिदी संस्थान की ओर से रविवार को आनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। महिलाओं ने मानव के विभिन्न रूपों और उनके व्यक्तित्व को प्रदर्शित करतीं रचनाएं प्रस्तुत कीं। संस्थान की अध्यक्ष रश्मि अग्रवाल की अध्यक्षता एवं बिजनौर की कवयित्री रचना शास्त्री के संचालन में आनलाइन काव्य गोष्ठी आयोजित हुई। नीतू अग्रवाल ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर शुभारंभ किया। रश्मि अग्रवाल ने कहा कि गर्मी से झुलसती वनस्पति के लिए मानसून अमृत बरसाता है। उन्होंने पौधारोपण के जरिए धरा को हरा-भरा बनाने और वर्षा जल को भूगर्भ में संचित करने के लिए निजी स्तर पर योगदान देने का आह्वान किया। रश्मि अग्रवाल ने पल-पल जलती रहेगी, नारी पिसती रहेगी, सुशीला गोयल ने मैं हूं प्रसव धर्मा वसुंधरा, डा. मृदुला त्यागी ने युवा जाग जा, अब तप जा निखर जा, वर्षा अग्रवाल ने नींद भरी आंखों में दर्द बहुत है, प्यार भरे सपनों में दर्द बहुत है.. रचना प्रस्तुत कर भाव-विभोर किया।
रचना शास्त्री ने मन मुकुर टूटा जब, हर किरचे में इकला खुद को पाया मैंने, सुमन चौधरी ने अब तो बंद खिड़कियों से झांकता है बचपन, अर्चना चौहान ने निर्मल हूं निर्बल नहीं, कोमल हूं कमजोर नहीं, अंजु बंसल ने मां-बाप ने उसे यही सिखाया था, मधु माहेश्वरी ने आंख नम हो सके हर किसी के लिए.. रचना प्रस्तुत की। समापन में आयोजकों ने सभी कवियों का आभार प्रकट किया। आनलाइन आयोजन में सीमा कपूर, मीनाक्षी अग्रवाल, मीरा अग्रवाल, शिखा गुप्ता, डा.भावना अरोड़ा, रमा अग्रवाल समेत कई लोगों ने आनलाइन कवि सम्मेलन में भाग लिया।