रावण के अनादर से विभीषण हुए प्रभु श्रीराम के शरणागत

चित्र 5-जासं बाबूसराय (भदोही) श्री बजरंग रामलीला समिति की ओर से चल रहे रामलीला के सातवें

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Nov 2020 08:37 PM (IST) Updated:Fri, 13 Nov 2020 08:37 PM (IST)
रावण के अनादर से विभीषण हुए प्रभु श्रीराम के शरणागत
रावण के अनादर से विभीषण हुए प्रभु श्रीराम के शरणागत

चित्र 5-जासं, बाबूसराय (भदोही) : श्री बजरंग रामलीला समिति की ओर से चल रहे रामलीला के सातवें दिन कलाकारों ने प्रभु श्रीराम की लीला का सजीव मंचन किया। गुरुवार की रामलीला में हनुमान जी मां सीता की चूड़ामणि को प्रभु श्रीराम को सौंपकर लंका में माता सीता की खबर बताए। प्रभु की आंखें नम हो गईं। उधर लंका में रावण अपने मंत्रियों से विचार कर मंत्रणा करते हैं। बुलावे पर दरबार में विभीषण ने पहुंचकर संधि करने का प्रस्ताव रखा लेकिन मानने के बजाय लंकापति रावण ने चरण प्रहार कर राज्य से निकल जाने का आदेश सुना दिया। तिरस्कार होने पर श्रीराम भक्त विभीषण भगवान की शरण में पहुंच गए। प्रभु श्रीराम ने आदर के साथ लंकापति की उपाधि देकर राजतिलक किया। सुमद्र पर पुल बनाकर सेना लंका में प्रवेश किया तो सूचना मिलते ही रावण सेना में हाहाकर मच गया। मंचन के वक्त दर्शकों द्वारा श्री राम के गगनभेदी नारे भी लगते रहे। रामलीला में औराई विधायक दीनानाथ भास्कर सहित समिति के अध्यक्ष श्याम धर पाठक, अजय कुमार दुबे, शमशेर बहादुर यादव, सुशील दुबे व रामराज विश्वकर्मा आदि थे।

chat bot
आपका साथी