गुप्त नवरात्र में होती है महाविद्याओं की साधना

आदि शक्ति की उपासना का पर्व गुप्त नवरात्र के आठवें दिन धनापुर गांव में भक्ति की सरिता बही। लोककल्यार्थ एवं कलिकाल के राक्षसों का दमन करने के लिए सहस्त्रचंडी हवनात्मक महायज्ञ में प्रयागराज के आचार्यों ने आहुति दी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 01 Feb 2020 10:15 PM (IST) Updated:Sun, 02 Feb 2020 06:05 AM (IST)
गुप्त नवरात्र में होती है महाविद्याओं की साधना
गुप्त नवरात्र में होती है महाविद्याओं की साधना

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : आदि शक्ति की उपासना का पर्व गुप्त नवरात्र के आठवें दिन धनापुर गांव में भक्ति की सरिता बही। लोक कल्याणार्थ एवं कलिकाल के राक्षसों का दमन करने के लिए सहस्त्रचंडी हवनात्मक महायज्ञ में प्रयागराज के आचार्यों ने आहुति दी। इस दौरान देवी तंत्रोक्ति और स्त्रोत से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा। पुण्य लाभ के लिए आस-पास के श्रद्धालुओं की कतार लग रही है।

आचार्य वेद प्रकाश शास्त्री ने कहा कि देवी भागवत पुराण के अनुसार जिस तरह वर्ष में दो बार नवरात्र आती है और जिस प्रकार नवरात्र में देवी के नौ रूपों की पूजा होती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्रि में भी दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्र विशेष कर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधनाएं, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती हैं। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियमों के साथ व्रत और साधना करते हैं। विधायक विजय मिश्र और मीरजापुर सोनभद्र विधान परिषद सदस्य रामलली मिश्र ने सहस्त्रचंडी हवनात्मक, संपुडनात्मक महायज्ञ में हवनादि कर देवी की स्तुति की। आदि शक्ति को अर्पित करने के लिए त्रिवेंद्रम से कमल पुष्प मंगाया जा रहा है। बताया कि रविवार को जहां कन्या पूजन किया जाएगा तो वहीं सोमवार को महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा।

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