कोरोना की दहशत, कालीन प्रतिष्ठानों में लटके ताले
जागरण संवाददाता भदोही कोरोना संक्रमण को लेकर कायम दहशत का असर कालीन उद्योग पर स्प
जागरण संवाददाता, भदोही : कोरोना संक्रमण को लेकर कायम दहशत का असर कालीन उद्योग पर स्पष्ट दिखने लगा है। कई प्रमुख कालीन निर्यातक प्रतिष्ठानों में ताले लटक चुके हैं। व्यवसायी जहां अपने अपने घरों में कैद हो गए हैं वहीं कर्मचारियों को अपने अपने घरों में रहने की हिदायत दी जा रही है। उत्पादन तो पहले से ही ठप था अब निर्यात भी प्रभावित हो गया है। भदोही से होने वाले निर्यात में 80 से 85 फीसद की कमी आई है।
वैश्विक महामारी के दौर में भी अपने स्त्रोत से आनलाइन व्यवसाय कर रहे निर्यातकों ने पिछले एक माह से माल नहीं भेजा है। एक तरफ जहां जर्मनी व फ्रांस जैसे देशों में लाकडाउन है, तो अमेरिकी आयातक भी सहमे हुए हैं। इधर बड़ी संख्या में निर्यातक व निर्यातक परिवार के सदस्यों के संक्रमित होने के कारण लोगों में दहशत है। मंदी के दौर में भी व्यवसाय को चलायमान रखने वाले प्रमुख निर्यातकों का कहना है कि इस समय खुद को सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण है। अपने साथ साथ बुनकरों, मजदूरों व कर्मचारियों की जान बची रही तो भविष्य में बहुत व्यवसाय होगा। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) ने देश भर के समस्त कार्यालयों को बंद कर दिया है। अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा) की समस्त गतिविधियां ठप हो गई हैं। ऐसे में लोग व्यवसाय को दरकिनार कर पहले संक्रमण से बचाव को प्रमुखता दे रहे हैं।
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देश के हालात बेहद खराब हो चुकी हैं। ऐसे में कर्मचारियों की जान जोखिम में डालना ठीक नहीं है। जिदगी रही तो बहुत व्यवसाय किया जाएगा। फिलहाल तो स्वयं की, अपने परिवार व अपने लोगों के जान की फिक्र है। लोग सुरक्षित रहे स्वस्थ रहें यही कामना है।
चित्र 22 --- रवि पाटोदिया, पूर्व एकमाध्यक्ष
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- खतरनाक रूप ले चुके संक्रमण से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। इससे बचने के लिए हर संभव सावधानी बरतने की जरूरत है। इस समय काम जरूरी नहीं बल्कि लोगों की जान बचाने का उपाय होना चाहिए। जो लोग व्यवसायिक रूप से जुड़े हैं उनके स्वास्थ्य की चिता हमारी जिम्मेदारी है।
चित्र - 23 - असलम महबूब, मानद सचिव एकमा