ब्लाकों में अटैचमेंट कराकर प्रधानों से सेटेलमेंट कर रहे अभियंता
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर(भदोही) मुख्यमंत्री जीरो टालरेंस की बात कर रहे हैं लेकिन अधिक

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर(भदोही) : मुख्यमंत्री जीरो टालरेंस की बात कर रहे हैं लेकिन अधिकारी इसको मानने को तैयार नहीं हैं। ग्रामीण विकास के नाम पर करोड़ों रुपये भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ जा रहा है।हकीकत यह है कि ब्लाकों में अवर अभियंता अटैचमेंट कराकर प्रधानों और सचिवों से सेटेलमेंट कर रहे हैं। गुणवत्ता नहीं महज कमीशन लेने में मतलब रखते हैं। स्थलीय निरीक्षण करने के बजाए कार में ही बैठ कर स्टीमेट तैयार कर रहे हैं। वह कभी डीघ तो कभी सुरियावां में तैनाती कराकर लाल हो जा रहे हैं। अधिकारी भी इसे जानते हुए अंजाने बने हुए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित प्रोजेक्ट का स्टीमेट तैयार करने के लिए ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग के अभियंताओं को ब्लाक में अटैच किया गया है। मास्टरमाइंड अवर अभियंता कभी सुरियावां में रहते हैं तो कभी डीघ ब्लाक में अपनी तैनाती करा लेते है। दो- तीन अभियंता तो ऐसे हैं जो दस से पंद्रह साल से कभी इस ब्लाक में तो कभी उस ब्लाक में अटैचमेंट करा लेते हैं। वह गांव में कभी भी नहीं जाते हैं लेकिन जब स्टीमेट आदि की जरूरत होती है तो सचिव और प्रधान उन्हें खुद खोजने लगते हैं। वह कार में सवार होकर आते हैं और किसी नामचीन होटल-ढाबा में बैठकर नाश्ता करने के साथ ही साथ हथेली गरम करते हैं। इसके साथ ही मनमानी तरीके से स्टीमेट बनाकर चले जाते हैं। इस तरह से करोड़ों रुपये का वारा-न्यारा किया जाता है। कई घोटाले भी पकड़े गए थे लेकिन अभियंताओं पर कार्रवाई नहीं होती है। अभोली ब्लाक में अभी एक स्टीमेट में धांधली की गई थी लेकिन अभियंता बच निकला था। मुख्य विकास अधिकारी भानु प्रताप सिंह का कहना है कि इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है लेकिन मामले की जांच कराई जाएगी। अभियंताओं की तैनाती कब से और कहा हुई है।
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