बदली गई निर्माण एजेंसी, सिडको कराएगा सांसद निधि का काम

लोक निर्माण और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही इस कदर है कि बार-बार पत्र लिखने के बाद भी बैंक खाता उपलब्ध नहीं करा पाए। बैंक खाता उपलब्ध न होने के कारण सांसद निधि से प्रस्तावित कार्यों को निर्माण एजेंसी सिडको को सौंप दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Mar 2020 05:21 PM (IST) Updated:Fri, 20 Mar 2020 05:21 PM (IST)
बदली गई निर्माण एजेंसी, सिडको कराएगा सांसद निधि का काम
बदली गई निर्माण एजेंसी, सिडको कराएगा सांसद निधि का काम

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : लोक निर्माण और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही इस कदर है कि बार-बार पत्र लिखने के बाद भी बैंक खाता उपलब्ध नहीं करा पाए। बैंक खाता उपलब्ध न होने के कारण सांसद निधि से प्रस्तावित कार्यों को निर्माण एजेंसी सिडको को सौंप दिया गया है। सांसद रमेश बिद के एक करोड़ के प्रस्तावित 12 कार्यों को जिलाधिकारी के यहां स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है।

सांसद निधि में प्रथम किश्त 2.50 करोड़ जारी किया गया है। प्रयागराज के दो विधानसभाओं के लिए 1.48 करोड़ रुपये भेज दिया गया है बाकि बजट भदोही की तीन विधानसभा क्षेत्रों में खर्च किया जाना है। सांसद की ओर से पुलिस लाइन में मेस भवन सहित कई प्रोजेक्ट के लिए करीब एक करोड़ का प्रस्ताव भेजा है। निर्माण एजेंसी ग्रामीण अभियंत्रण विभाग और लोक निर्माण विभाग को नामित किया गया था। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों की ओर से निर्माण एजेंसियों को पत्र जारी कर उनके बैंक खाता नंबर मांगा गया था लेकिन अभी तक वह उपलब्ध नहीं करा पाए। बार-बार पत्राचार के बाद भी एकाउंट नंबर उपलब्ध न कराने पर निर्माण एजेंसी बदल दिया गया। अब सांसद निधि से प्रस्तावित कार्य कराने की जिम्मेदारी सिड़को को सौंप दिया गया है।

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पूर्व सांसद के प्रस्तावित कार्यों का भुगतान भी अटका

पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के प्रस्तावित कार्यों का भी भुगतान नहीं हो पा रहा है। दरअसल पहली किश्त का भुगतान तो कर दिया गया था लेकिन जब से पीएफएमएस व्यवस्था प्रभावी हो गया है तब से दूसरी किश्त का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इसमें लोक निर्माण और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को अलग से बैंक खाता खोलना ही होगा। वह अलग से खाता का संचालन नहीं करेंगे तब तक पूर्व सांसद के प्रस्तावित कार्यों का दूसरी किश्त 40 लाख का भुगतान नहीं हो पाएगा। लोक निर्माण विभाग द्वारा पूर्व में दिए गए चेक को भी वापस कर दिया गया है।

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