चार लाख लोगों को खिलाई गई फाइलेरियारोधी दवा
लापरवाही--- - आठ दिन में 12.32 लाख लोगों को डोर-टू-डोर खिलाई जानी है दवा - सेकेंडरी ल
लापरवाही---
- आठ दिन में 12.32 लाख लोगों को डोर-टू-डोर खिलाई जानी है दवा
- सेकेंडरी लक्षण वाले 290 फाइलेरिया संक्रमण से पीड़ित हैं मरीज
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जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : फाइलेरियारोधी अभियान के तहत 16.32 लाख लोगों को डोर-टू-डोर दवा खिलाई जानी है। अभियान को महज आठ दिन बचे हैं, अब तक महज चार लाख लोगों को दवा खिलाई जा चुकी है। अधिकांश क्षेत्रों में डोर-टू-डोर के बजाए किसी एक स्थान पर बैठकर स्वास्थ्य कर्मी आने वाले ग्रामीणों को दवा खिला रहे हैं। जिससे भारी संख्या में ग्रामीण इस अभियान से छूट रहे हैं। यही स्थिति रही तो विभागीय अधिकारियों का फाइलेरियामुक्ति का दावा फेल साबित हो जाएगा। 22 नवंबर से यह अभियान चलाया जा रहा है। दवा खिलाने के लिए अलग-अलग टोली बनाई गई थी। इसके बाद भी दवा लक्ष्य के सापेक्ष दवा नहीं खिलाया जा सका है।
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इन्हें नहीं खिलानी है दवा :
स्वास्थ्य विभाग के गाइड लाइन के अनुसार तीन श्रेणी के लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा नहीं खिलानी है। गर्भवती महिलाएं, दो साल से कम उम्र के बच्चे व गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति।
------- जिले में 290 लोग हैं पीड़ित
- जीवन भर के लिए संकट बनी फाइलेरिया बीमारी का दंश जनपद के 290 लोग झेल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि हांथ-पांव में सूजन जितना हो चुका है वह रोगी के शरीर में फाइलेरिया वायरस के मरने से स्वस्थ होने के बाद भी शरीर के प्रभावित अंग में सूजन आजीवन बना रहता है। लेकिन इससे स्वास्थ्य से जुड़ी कोई दिक्कत नहीं होती है।
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- जिले में पूरी सक्रियता से दवा खिलाने को लगाई गई स्वास्थ्य टीमों को सख्त निर्देश दिया गया है। निर्धारित लक्ष्य पूरा करने को लगातार निगरानी भी रखी गई है। लक्ष्य प्राप्ति में कोई दिक्कत नहीं होगी।
- राम आसरे पाल, जिला मलेरिया अधिकारी भदोही।