प्रशासन नाकाम, पॉलीथिन फिर बेलगाम

अंकुश लगाने को लेकर प्रशासनिक सक्रियता कम होते ही प्रतिबंधित पालीथिन का प्रयोग एक बार फिर से बढ़ता जा रहा है। चाहे वह सड़कों के किनारे बिक रही सब्जियां व फल हो या फिर किराना की दुकान हर जगह पालीथिन का प्रयोग धड़ल्ले के साथ जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 10:25 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 06:03 AM (IST)
प्रशासन नाकाम, पॉलीथिन फिर बेलगाम
प्रशासन नाकाम, पॉलीथिन फिर बेलगाम

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : अंकुश लगाने को लेकर प्रशासनिक सक्रियता कम होते ही प्रतिबंधित पालीथिन का प्रयोग एक बार फिर से बढ़ता जा रहा है। चाहे वह सड़कों के किनारे बिक रही सब्जियां व फल हो या फिर किराना की दुकान, हर जगह पालीथिन का प्रयोग धड़ल्ले के साथ जारी है। हालांकि चंद दिनों तक दिखी सक्रियता के बाद इसके रोकथाम को कोई प्रयास होते नहीं दिख रहा है। अभियान चलाकर जिम्मेदार शांत पड़ चुके हैं तो दुकानदार बेलगाम हो उपयोग में कोई परहेज करते नहीं दिख रहे हैं।

पर्यावरण से उपजाऊ मिट्टी से लेकर मवेशियों तक के लिए घातक साबित हो रहे पालीथिन के प्रयोग पर अंकुश के लिए राज्य सरकार की ओर से पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है। इसका पालन कराने के लिए कुछ दिनों तक रही सख्ती के चलते रोक लगी रही। यहां तक कि किराना से लेकर सब्जी के दुकानदारों तक के द्वारा कागज के थोगे व झोले का प्रयोग किया जाने लगा था। इतनी ही नहीं आदेश के अनुपालन में जिला प्रशासन से लेकर नगरीय क्षेत्रों तक में अभियान चलाकर दुकानों पर पालीथिन की जांच भी की गई। ज्ञानपुर, गोपीगंज नगर में पालीथिन को जब्त करने की कार्रवाई भी की गई। हालांकि चंद दिनों बाद ही सब पर मानो विराम लग गया। मौजूदा समय में पालीथिन का प्रयोग फिर से धड़ल्ले के साथ जारी हो चुका है। जरूरत है कि फिर से अभियान चलाकर पालीथिन पर प्रभावी अंकुश लगाया जाय।

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