सियासी हो-हल्ला और कानूनी पचड़े में फंसा मामला, नहीं हुआ निदान

जोरई में रजिस्ट्री कराई गई भूमि पर कब्जा करने के लिए डीएम के आवास के पास स्थित पानी की टंकी चढ़ने का हथकंडा भी फेल होता दिख रहा है। सियासी हो-हल्ला और कानूनी पचड़े में मामले का निदान नहीं हो सका है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 05:09 PM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 05:09 PM (IST)
सियासी हो-हल्ला और कानूनी पचड़े में फंसा मामला, नहीं हुआ निदान
सियासी हो-हल्ला और कानूनी पचड़े में फंसा मामला, नहीं हुआ निदान

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : जोरई में रजिस्ट्री कराई गई भूमि पर कब्जा करने के लिए डीएम के आवास के पास स्थित पानी की टंकी पर चढ़ने का हथकंडा भी फेल होता दिख रहा है। सियासी हो-हल्ला और कानूनी पचड़े में मामले का निदान नहीं हो सका है। इस मामले में जहां प्रधानपति के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई कर इतिश्री कर ली गई तो वहीं राजस्व कर्मियों की टीम भी खाली हाथ लौट गई।

जिला मुख्यालय के पास जोरई गांव में गुलाब गौतम ने भूमि की रजिस्ट्री कराई थी। धीरे-धीरे कई साल बीत जाने के बाद कब्जा न मिलने से आक्रोशित होकर डीएम आवास के समीप स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गया। अपनी बेटी मोनी के साथ चढ़ने के बाद मिट्टी का तेल भी छिड़क लिया। उसके इस कदम से प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन राजस्व कर्मियों की टीम भी भूमि की नापी कराने के लगा दी गई। यही नहीं ग्राम प्रधान पति रामधनी यादव का चालान भी कर दिया गया। इस बीच देर रात तक खूब सियासी ड्रामा चला। दूसरे दिन सपाजनों ने भी जिला मुख्यालय पर विरोध जताया। खूब हो-हल्ला और ड्रामेबाजी हुई लेकिन अभी तक मामले का निदान नहीं हो सका। कानून के जानकारों का कहना है कि भूमि की नापी करने के लिए नियम बनाए गए हैं। जब तक नियम के अंतर्गत नापी नहीं कराई जाती है तब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकेगी। यही नहीं बेदखल कराने के लिए सिविल शूट दाखिल करना होगा। इस तरह किसी को भी कब्ज से बेदखल नहीं किया जा सकता है। उप जिलाधिकारी कविता मीना का भी कहना है कि जिन लोगों का कब्जा है वह भी बहुत गरीब परिवार के लोग हैं। उन्हें समझाया जा रहा है। समझा-बुझा कर मामले का हल कराया जाएगा।

chat bot
आपका साथी