पुराने सूखे 9.68 लाख पौधे फाइलों में फिर होंगे हरे

हरियाली लाने की मंशा थी। इसके लिए वर्ष दर वर्ष पौधे भी लगाए जा रहे हैं। जो बड़ा होकर वृक्ष बनेगा हरियाली लौटेगी। वृक्ष से लोगों को छांव का ठांव मिल सकेगा तो पर्यावरण संरक्षण को भी आयाम हासिल होगा। लेकिन यह सब खयालों में ज्यादा व धरातल पर कम ही देखने को मिलता है। इसका सटीक उदाहरण पेश कर रहा है खमरिया नगर व महराजगंज के तिउरी में दम तोड़ चुके रोपित किए गए पौधे। पौधरोपण के नाम पर चले दिखावे के खेल में मिशन हरियाली फेल हो चुकी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 07:20 PM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 11:00 PM (IST)
पुराने सूखे 9.68 लाख पौधे फाइलों में फिर होंगे हरे
पुराने सूखे 9.68 लाख पौधे फाइलों में फिर होंगे हरे

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : हरियाली लाने की मंशा थी। इसके लिए वर्ष दर वर्ष पौधे भी लगाए जा रहे हैं, जो बड़े होकर वृक्ष बनेंगे। हरियाली लौटेगी, लेकिन यह सब खयाली पुलाव ही साबित हो रहा है। खमरिया नगर व महराजगंज के तिउरी में दम तोड़ चुके रोपित किए गए पौधे इसके उदाहरण हैं। यहां पर अगस्त 2019 में रोपे गए पौधे अब सूख चुके हैं, 50 प्रतिशत पौधे गायब भी हो चुके हैं। स्थिति चौंकाने वाली सामने आ रही है। नौ अगस्त को जिले में एक साथ 22 लाख पौधों का रोपण किया गया था, जिसकी देख-रेख वन विभाग समेत पौधारोपण करने वाले अन्य विभागों की थी, लेकिन धरातल पर दो माह बाद ही आधा से अधिक पौधे दम तोड़ चुके हैं। अब सवाल यह खड़ा होता है कि यही स्थिति रही तो लाखों बजट खर्च कर साल दर साल पौधारोपण के बाद जिले में हरियाली लौटना मुश्किल है। पौधारोपण को मिला नया लक्ष्य

वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए पौधारोपण के लिए नया लक्ष्य विभाग को मिल चुका है। निर्धारित लक्ष्य 9.68 लाख पौधारोपण के लिए विभागीय स्तर से तैयारी भी शुरू हो चुकी है। प्रभागीय वनाधिकारी आलोक सक्सेना ने बताया कि अभी इसके लिए कोई बजट नहीं मिला है। अभी पौधारोपण के लिए स्थान चिहित किए जा रहे हैं। बजट मिलने के बाद गड्ढों की खोदाई कराकर तैयारी शुरू की जाएगी।

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