जागरुकता के साथ बढ़ रहा ग्रामीणों में उत्साह

ऊंज (भदोही) : दैनिक जागरण के समाचारीय अभियान से प्रेरित होकर मुगरहा गांव के ग्रामीणों ने जलाशय की खो

By Edited By: Publish:Thu, 26 May 2016 02:38 AM (IST) Updated:Thu, 26 May 2016 02:38 AM (IST)
जागरुकता के साथ बढ़ रहा ग्रामीणों में उत्साह

ऊंज (भदोही) : दैनिक जागरण के समाचारीय अभियान से प्रेरित होकर मुगरहा गांव के ग्रामीणों ने जलाशय की खोदाई शुरू कर दी है। तालाबों की साफ- सफाई के साथ साथ शुरू हुई खोदाई में गांव के लोगों का गजब का उत्साह देखा जा रहा है। जीर्णोद्वार के लिए ग्राम प्रधान ¨चतामणि यादव ने जब खुद फावड़ा उठाया तो वर्षों से झाड़ियों से घिरा जलाशय खिल उठा। उनका कहना था कि तालाब की सफाई को लेकर लगातार अभियान चलता रहेगा। एक ही नहीं गांव के जितने भी तालाब हैं सभी की खोदाई करवा कर पानी छोड़वाया जाएगा। भूमिगत जल मानव के आवश्यकता का प्रमुख स्त्रोत है। उद्योगों नगरों एवं खेतों की ¨सचाई लिए भूगर्भ जल को अनियोजित, अविवेक तरीके से निचोड़ा गया, सक्षम लोगों द्वारा जल संसाधन का उद्योग, कृषि एवं सफाई में अत्यधिक अपव्यय किया गया। अपेक्षाकृत कम भूगर्भ जल सपंन्न वाले क्षेत्रों में गहरे बो¨रग करके जल को निथार लिया गया। इन क्षेत्रों में गहन कृषि एवं अधिक ¨सचाई वाली फसल उगाने से भी भूमिगत जल का स्तर नीचे चला गया। फलस्वरूप कुएं सूख गए, हैंडपंपों से जल दूर हो गए। तालाब को पाटकर मकान बना लिया गया। बाकी बचे हुए तालाब अस्तित्व बचाने के संघर्ष में असफल हो रहे हैं। वर्ष 2001 में सर्वोच्च न्यायालय के दिए गए आदेश भी अफसरों की अकर्मण्यता के चलते शिथिल हो चुका है। जागरण के प्रतिनिधि से प्रेरित होकर ग्रामीण तालाबों को मूल स्वरूप में लाने के लिए पूरी निष्ठा के साथ जुटे चुके हैं। दो दर्जन से अधिक तालाबों की साफ- सफाई और खोदाई का काम चल रहा है। इसी क्रम में मुगरहा गांव में स्थित जलाशय की साफ- सफाई शुरू कर दिया गया है। पूरे दिन तक लोगों ने तालाब की साफ- सफाई की। साथ ही तालाबों के अस्तित्व को बचाए रखने का संकल्प लिया।

इस मौके बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

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अंतिम सांस गिन रहे जलाशय

जागरण की ओर से चलाए गए अभियान के बाद भी सैकड़ों जलाशय अंतिम सांस गिन रहे हैं। अतिक्रमण से जूझ रहे जलाशय अधिकारियों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। चकवा महावीर मंदिर पर स्थित धार्मिक एवं ऐतिहासिक सरोवर पर स्थानीय लोगों द्वारा बहुमंजिला भवन बनवा लिया गया है। यही नहीं सरोवर में जाने वाली नाले को पाट दिया गया है। इसी नाले से नहर के माध्यम से जलाशय को भरा जा रहा था। इसके साथ ही सोनिया तालाब, चकपड़ौना स्थित तालाब, महुवारी में स्थित तीन तालाब, सुरियावां, औराई, चौरी स्थित दर्जनों तालाबों पर अतिक्रमण कर लिया गया है। अभी तक अतिक्रमणकारियों के खिलाफ प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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