बस्ती में नहीं है बाल व किशोर गृह

अनुपम यादव जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि बस्ती जनपद में बाल व किशोर गृह नहीं है। कोरोना काल में अनाथ व निराश्रित बच्चों के अभिभावक के रूप में कोई न कोई मौजूद है ऐसे में उनके सामने आवास की समस्या नहीं है। कुल 39 बच्चों की पढ़ाई चल रही है। उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 11:21 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 11:21 PM (IST)
बस्ती में नहीं है बाल व किशोर गृह
बस्ती में नहीं है बाल व किशोर गृह

बस्ती: जनपद में एक भी बाल या किशोर गृह नहीं हैं। महज एक बाल संप्रेक्षण गृह है, जिसमें बाल अपचारी रखे जाते हैं। अनाथ या निराश्रित बच्चों के रहने की व्यवस्था बस्ती में नहीं है। यदि कोई अनाथ या निराश्रित बच्चा मिलता है तो उसे दूसरे जनपदों के बाल व किशोर गृह में भेज दिया जाता है।

जिले में दो बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना काल में अपने माता-पिता दोनों को खोया है। वहीं 44 ऐसे हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता में से किसी एक को खोया है। इन सभी के साथ उनके अभिभावक के रूप में कोई न कोई मौजूद है। ऐसे में यहां इनके लिए बाल या किशोर गृह की जरूरत भी नहीं महसूस हुई। जिले के सभी 46 अनाथ व निराश्रित बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत मदद दी जा रही है।

18 वर्ष तक की आयु वाले जिन बच्चों के माता-पिता या दोनों में से किसी एक की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई है, उन्हें इस योजना के तहत चार हजार रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। 11 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों की निश्शुल्क शिक्षा की व्यवस्था अटल आवासीय विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में कराने की व्यवस्था बनाई जा रही है। प्रदेश सरकार अनाथ बालिकाओं के विवाह योग्य होने पर उनकी शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपये भी उपलब्ध कराएगी। वहीं कक्षा नौ या इससे ऊपर की कक्षा में या व्यावसायिक कोर्स कर रहे 18 वर्ष आयु तक के ऐसे बच्चों को टैबलेट या लैपटाप भी दिया जाना है।

अनुपम यादव, जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि

बस्ती जनपद में बाल व किशोर गृह नहीं है। कोरोना काल में अनाथ व निराश्रित बच्चों के अभिभावक के रूप में कोई न कोई मौजूद है, ऐसे में उनके सामने आवास की समस्या नहीं है। कुल 39 बच्चों की पढ़ाई चल रही है। उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।

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