मिटेगा अंधेरा, रोशनी से जगमगाएगी राजा राम की हर्रैया
श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर उफान पर है आस्था का ज्वार
बस्ती: अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण की पहली ईंट रखने की घड़ी ज्यों ज्यों करीब आ रही है आस्था का ज्वार भी बढ़ता ही जा रहा है। अयोध्या से बस्ती जनपद सटे होने के चलते यहां के पग-पग पर भगवान श्रीराम हैं। प्राकट्य से लेकर पाणिग्रहण तक की पौराणिक कथाओं में वशिष्ठ नगरी बस्ती की पावन भूमि का जिक्र आता है। भगवान श्रीराम के अखंड साधक तपसी जी सरकार की तपोभूमि हो या फिर पुत्र कामेष्टि स्थल मखौड़ा,मां शांता और ऋषि श्रृंगी का धाम हो या फिर मनोरमा,रामरेखा नदियों के घाट हो। मंगलवार से ही दीपों व इलेक्ट्रिक झालरों से इन्हें सजाया गया है। तपसी धाम के प्रमुख सेवक व महंत जयबक्स दास बताते है कि यह पर्व दीपावली से कम नही है। भगवान राम वनवापसी के बाद अयोध्या में लौटे थे तब घर घर दीपावली मनाई गई थी। बुधवार को पांच सौ वर्षाें के बाद श्रीराम जन्म भूमि पर मंदिर बनने जा रहा है।
मखौड़ा धाम के महंथ सूरजदास के अनुसार अयोध्या में बुधवार के कार्यक्रम श्रीराम के प्राकट्य से जुड़े इस मंदिर में दीपावली मनाने की तैयारियां पूरी हो गई हैं। समूचे क्षेत्र में मंदिरों पर ध्वज पताका फहर रहा है। उल्लास में डूबे लोग दीपोत्सव और राम नाम जप की तैयारी में लीन हैं। रक्षाराम वर्मा ने मखौड़ा में अखंड रामायण पाठ शुरू करा दिया है। कहा अयोध्या में भगवान का मंदिर बने,यह मनौती पूरी हो गई इसलिए यह अनुष्ठान कर रहा हूं। रामरेखा चतुर्भुजी मंदिर के महंथ अनिलदास कहते है कि हर्रैया का क्षेत्र अयोध्या राज्य के अधीन रहा है। अतीत में समूचे विश्व का कल्याण करने वाले भगवान श्रीराम का मंदिर बनने जा रहा है इसलिए यह हमारे लिए सबसे बड़ा पर्व है।
दीपदान की तैयारी में विधायक
हर्रैया के विधायक अजय सिंह भी पौराणिक रामरेखा नदी के घाटों पर बुधवार को सैकड़ों कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों के साथ दीपदान करने की तैयारी में है। धार्मिक मान्यता है,यह वही नदी है जिसे भगवान श्रीराम ने माता सीता की प्यास बुझाने के लिए अपने बाण से रेखा खींच कर प्रकट किया था।