चार साल में पूरी फिर भी हसरत अधूरी

ग्राम पंचायतों को हस्तांरित नहीं हो सकीं 17 परियोजनाएं

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 May 2020 09:56 AM (IST) Updated:Thu, 28 May 2020 09:56 AM (IST)
चार साल में पूरी फिर भी हसरत अधूरी
चार साल में पूरी फिर भी हसरत अधूरी

बस्ती:जिले के 17 ग्राम पंचायतों की पाइप लाइन योजना सुविधा पाने की हसरत आज भी अधूरी है। किसी तरह यह चार साल में पूरी तो हो गई, लेकिन इन ग्राम पंचायतों को हस्तांरित नहीं हो सकीं। इसको लेकर प्रशासन अब जागा है और सख्ती के मूड में दिख रहा है।

नीर निर्मल योजना के तहत 2015-16 में जिले की 27 ग्राम पंचायतों में 23 पाइप लाइन पेयजल परियोजनाएं शुरू हुई थीं। 31 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली इन परियोजनाओं को पूरा करने में जल निगम को चार साल से अधिक लग गए। छह गांवों को योजनाएं हस्तांरित भी की गई, लेकिन 17 गांवों के ग्रामीण आज भी इससे दूर ही हैं।

डीएम ने आठ माह पूर्व सभी परियोजनाओं के सत्यापन का निर्देश दिया था। अब तक सभी का सत्यापन नहीं हो पाया। 10 परियोजनाओं के सत्यापन के बाद डीएम ने हस्तांतरण की संस्तुति दी थी। उनमें से भी केवल छह परियोजना ही हस्तांतरित हो पाई हैं।

ये गांव हैं चयनित

परशुरामपुर ब्लाक के चौरी, सिकंदरपुर, जगन्नाथपुर, कोहराएं, विक्रमजोत विकास खंड के विक्रमजोत, घिरौली बाबू, दुबौलिया के दुबौलिया व अशोकपुर, सल्टौआ गोपालपुर के छनवतिया, सिसवारी, रामनगर के भीवापार, नरखोरिया, बड़ोखर, शेखापुर चक दोस्त मोहम्मद, साऊंघाट के खुटहना, नरियांव, हटवा शुक्ल, बनकटी के बरडाड़- बोदवल, कुदरहा के गाना, कुदरहा-छरदही, बहादुरपर के पिपराखास, बेईली और महुआर गांव योजना के तहत चयनित किए गए थे।

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डीएम की ओर से अनुमोदित शेष चार पेयजल परियोजनाएं ग्राम पंचायतों को जल्द हस्तांतरित करने के लिए जल निगम के एक्सईएन को निर्देश दिया गया है। तहसील स्तरीय समिति के स्तर से लंबित परियोजनाओं का अविलंब सत्यापन कराने को कहा गया है।

-अजीत कुमार श्रीवास्तव, डीडीओ, बस्ती।

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