एक पखवारे बाद भी नहीं शुरू हुई धान की खरीद

औने-पौने दामों पर उपज बेचने को मजबूर हैं किसान

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 10:16 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 10:16 PM (IST)
एक पखवारे बाद भी नहीं शुरू हुई धान की खरीद
एक पखवारे बाद भी नहीं शुरू हुई धान की खरीद

बस्ती: केंद्र सरकार द्वारा किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए जगह-जगह धान क्रय केंद्रों की स्थापना की गई है। इन केंद्रों पर 1 नवंबर से धान की खरीद शुरू की जानी थी। एक पखवारा बीत जाने के बाद भी इन क्रय केंद्रों पर धान की खरीद शुरू नहीं हो सकी है। सरकारी दावे खोखले बनकर रह गए हैं। जागरण टीम ने शुक्रवार को खाद्य विभाग के रामनगर विकास खंड के असनहरा व सल्टौआ गोपालपुर विकास खंड के सोनहा तथा सदर विकास खंड के बनकटा में पीसीएफ द्वारा संचालित क्रय केंद्रों का हाल जानने का प्रयास किया। पता चला कि अभी तक किसी भी केंद्र पर धान की खरीद शुरू हुई है।

असनहरा में संचालित क्रय केंद्र सूना मिला। केंद्र पर मौजूद वरिष्ठ विपणन निरीक्षक धीरेंद्र कुमार ने बताया कि धान खरीद की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। धान खरीद के लिए 25 लाख रुपये व पर्याप्त मात्रा में बोरे भी उपलब्ध हैं। अभी तक मिलरों द्वारा रिकवरी को लेकर अनुबंध एवं बैंक गारंटी नहीं दी गई है, जिसके चलते खरीद शुरू नहीं हो पा रही है। दोपहर 12 बजे सोनहा क्रय केंद्र पर भी कमोवेश यही नजारा देखने को मिला। क्रय केंद्र पर बैनर तो टांग दिया गया है लेकिन अभी तक खरीद के नाम पर एक भी किसान से धान की खरीदारी नहीं की गई है। वरिष्ठ विपणन निरीक्षक चित्रा श्रीवास्तव ने बताया कि जो किसान आ रहे हैं उनके द्वारा धान बेचने के लिए कराए गए आन लाइन पंजीकरण में कुछ खामियां हैं। खामियां दूर कराने के लिए किसानों से कहा गया है। मिलरों द्वारा इस साल धान लेने से मना कर दिया गया है जिससे धान की खरीद नहीं हो पा रही है। साधन सहकारी समिति बनकटा पर बने क्रय केंद्र पर भी सन्नाटा पसरा था। क्रय केंद्र प्रभारी विजय आनंद ने मोबाइल पर फोन कर पूछने पर बताया कि इस समय उनकी हड़ताल चल रही है। अभी तक खरीद का काम शुरू नहीं हो सका है। राम धीरज चौधरी, बाबूराम यादव, रमाकांत चौधरी, शिव नरायन, राम प्रकाश चौधरी, सुबोध कुमार ¨सह, भगवानदास चौधरी, हातिम अली, राम दयाल चौधरी, रहमतुल्लाह, बाबूराम चौधरी, मेवालाल चौधरी, बाबर अली, परमात्मा प्रसाद चौधरी ने बताया कि इस समय गेहूं की बोआई की तैयारियां चल रही हैं। मिलों द्वारा गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया जा रहा है। क्रय केंद्रों पर धान की खरीद अभी तक शुरू ही नहीं हुई है। अपनी आर्थिक जरूरतें पूरी करने के लिए किसानों को मजबूर होकर अपनी उपज आढ़तियों के हाथ बेचनी पड़ रही है।

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