नोटबंदी से लाचार किसान तैयार नहीं कर पा रहे खेत

बस्ती: नोटबंदी हुए एक महीने बीत गए, स्थिति सुधरने का नाम नही ले रही है। वर्तमान हालत ने किसानों की क

By Edited By: Publish:Thu, 08 Dec 2016 11:16 PM (IST) Updated:Thu, 08 Dec 2016 11:16 PM (IST)
नोटबंदी से लाचार किसान तैयार नहीं कर पा रहे खेत

बस्ती: नोटबंदी हुए एक महीने बीत गए, स्थिति सुधरने का नाम नही ले रही है। वर्तमान हालत ने किसानों की कमर ही तोड़ दी है। खाते में पैसे होने के बाद भी किसान बेबस होकर हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं।

बता दें कि रबी की फसल की बोआई का अंतिम समय चल रहा है। अब तक दियारा क्षेत्र में सैकड़ों किसान रुपये की किल्लत के चलते खेत की जोताई तक नहीं कर पाए हैं। बेबस किसान काफी परेशान हैं। बैंकों पर कई दिनों तक लाइन लगाने के बाद उन्हें हजार-दो हजार रुपये ही मिल पा रहे हैं ऐसे में इस रुपये से ट्रैक्टर की जोताई का भुगतान करें या खाद-बीज का इंतजाम। मिश्रौलिया गांव के किसान सूर्यप्रकाश तिवारी का कहना है कि इस ठंड के मौसम में बैंकों में सुबह से लाइन लगाए शाम हो जाती है पैसा नहीं मिल पाता। बैंकों में कभी नेटवर्क नहीं रहता और कभी कैश। बिना पैसे के गेहूं की खेत होना असंभव है। यहीं के रामतीर्थ चौरसिया कहते हैं कि बैंक में हमारे खाते में पैसा होने के बाद भी हम उसका उपयोग अपनी खेती के लिए नही कर पा रहे हैं। ऐसे में अबकी बार फसल तैयार कैसे होगी यह समझ में नहीं आ रहा है। टकटकवा के रामजियावन यादव का कहना है कि हमारी पूरी खेती माझा में सरयू नदी के पार है। बैंक से कम से कम पांच हजार रुपये मिले तो ट्रैक्टर व खाद-बीज का इंतजाम कर गेहूं की बोआई करें। पुरवा के राजमन यादव का कहना है कि बैंकों के चक्कर लगाकर थक चुका हूं। ठंड में लाइन लगाकर तबीयत भी खराब हो गई है। बैंक से रुपये न मिलने की वजह से न तो खाद-बीज की खरीदारी हो पा रही है और न ही खेतों की जुताई।

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