36 साल से खोई जमीन पर कांग्रेस को महिला प्रत्याशियों की तलाश, कर रही बडे़ चेहरों से बात

UP Vidhansabha Chunav 2022 यूपी के पीलीभीत में लगभग साढ़े तीन दशक से बनवास पर चल रही कांग्रेस प्रदेश में वापसी के लिए आधी आबादी को साधने की जुगत में है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा दिया है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 18 Jan 2022 01:30 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jan 2022 01:30 PM (IST)
36 साल से खोई जमीन पर कांग्रेस को महिला प्रत्याशियों की तलाश, कर रही बडे़ चेहरों से बात
36 साल से खोई जमीन पर कांग्रेस को महिला प्रत्याशियों की तलाश, कर रही बडे़ चेहरों से बात

बरेली, कुमार सौरभ। UP Vidhansabha Chunav 2022 : यूपी के पीलीभीत में लगभग साढ़े तीन दशक से बनवास पर चल रही कांग्रेस प्रदेश में वापसी के लिए आधी आबादी को साधने की जुगत में है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा दिया है। उन्होंने टिकट में भी 40 प्रतिशत महिलाओं को यूपी विधानसभा में देने का एलान किया है। यह एलान अब जिले में कांग्रेस के गले की फांस बनता दिख रहा है। जनपद में पार्टी को महिला दावेदार नहीं मिल रहे हैं। जिले की चार विधानसभा सीटों मेें दो पर पार्टी ने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है।

तराई के जिले में 36 सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए जद्दोजहद कर रही है। जनपद में चार विधानसभा सीटें हैं। इन सीटों पर 20 उम्मीदवारों ने टिकट की दावेदारी की हैं। पीलीभीत विधानसभा से दस उम्मीदवारों ने टिकट के लिए आवेदन किया है, जिसमें एक महिला ने भी दावेदारी की है। बीसलपुर विधानसभा से पांच कार्यकर्ताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया है। जिसमें एक महिला पदाधिकारी ने भी टिकट की मांग की है। पूरनपुर सुरक्षित और बरखेड़ा से पार्टी ने पहली लिस्ट में प्रत्याशी घोषित कर दिए है। बरखेड़ा से जिलाध्यक्ष हरप्रीत सिंह चव्वा को मैदान में उतारा है। वहीं पूरनपुर सुरक्षित से ईश्वर दयाल पासवान को प्रत्याशी बनाया है।

कांग्रेस को नहीं मिल रहे महिला उम्मीदवार

जनपद में 36 साल से कांग्रेस का विधायक चुनकर विधानसभा नहीं पहुंचा है। वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में पीलीभीत से सैयद अली अशरफी, पूरनपुर से विनोद कुमार और बीसलुपर से तेज बहादुर गंगवार कांग्रेस से चुनाव जीतकर आखिरी बार विधानसभा पहुंचे थे। उसके बाद से जनपद की राजनीति पर सपा भाजपा और बसपा का राज है। कांग्रेस आधी आबादी को साधने की कोशिश कर रही है। जनपद में लगभग 40 प्रतिशत महिला मतदाता हैं। जिन पर उसकी नजर है। इसके बाद भी कांग्रेस को महिला उम्मीदवार नहीं मिल रही है।

कमजोर संगठन कांग्रेस की सबसे बड़ी मज़बूरी

लंबे समय से जनपद में नेतृत्व विहीन कांग्रेस का संगठन कमजोर हो गया है। जनपद में कोई चेहरा भी नहीं है जिसकी अपनी एक अलग साख हो। पार्टी के पास जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं की कमी है। विधानसभा चुनाव में प्रचार वर्चुअल प्रचार शुरू हाे चुका है, ऐसे में कांग्रेस के पास युवाओं की कमी उसके लिए घातक साबित हो सकती है।

पार्टी में मंथन चल रहा है। अभी तक दो महिला कार्यकर्ताओं ने स्थानीय स्तर पर टिकट के लिए आवेदन किया है। कई बड़े चेहरों से भी बात हो रही है। कांग्रेस महिला सशक्तीकरण करते हुए जनपद में एक अच्छा चेहरा विधान सभा चुनाव में देगी। पार्टी चारों सीटाें पर दम खम से चुनाव लड़ेगी। अनूप वर्मा, प्रदेश सचिव, जिला प्रभारी

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