उत्तराखंड के शहरों में स्मैक भेजता था उस्मान का गिरोह, जानिए कैसे करता था सप्लाई
Smack Smuggling in Uttarakhand स्मैक तस्कर उस्मान इतना शातिर कि मोबाइल फोन से वाइस काल के बजाय वाट्सएप काल के जरिये उस्मान व उसके साथी युसूफ बीबी की एसटीएफ ने गिरफ्तार किया गया था दोनों को रविवार को जेल भेज दिया गया।
बरेली, जेएनएन। Smack Smuggling in Uttarakhand : स्मैक तस्कर उस्मान इतना शातिर कि मोबाइल फोन से वाइस काल के बजाय वाट्सएप काल के जरिये उस्मान व उसके साथी युसूफ बीबी की एसटीएफ ने गिरफ्तार किया गया था, दोनों को रविवार को जेल भेज दिया गया।
अगस्त में फरीदपुर के पढेरा के तत्कालीन प्रधान छोटे खां की गिरफ्तारी के बाद अभियान चला तो दिल्ली का नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भी सक्रिय हो गया था। फरीदपुर व फतेहगंज पश्चिमी के तस्कर दिल्ली में जाकर ही पंजाब, हरियाणा आदि प्रदेशों में स्मैक भेजते थे। सख्ती हुई तो फतेहगंज पश्चिमी में रहने वाले हिस्ट्रीशीटर उस्मान ने पैंतरा चला। दिल्ली के बजाय वह उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर, हल्द्वानी, नैनीताल के लिए स्मैक भेजने लगा। इसके लिए बहेड़ी के शाहगढ़ में रहने वाले मुहम्मद यूसुफ, नई बस्ती निवासी आरिफ अहंमद व मुहल्ला बाजार निवासी मुस्ताक को गिरोह में शामिल किया। उस्मान इन तीनों को स्मैक की खेप देता था। जिसके बाद उत्तराखंड के तस्कर सप्लाई ले जाते थे। कभी-कभी ये तीनों स्मैक. पहुंचाने उत्तराखंड भी जाते थे।
युसूफ की तलाश, हाथ आया उस्मान
शातिर उस्मान काल रिकार्डिंग से बचने के लिए वाटसएप काॅॅल का प्रयाेग करता था। जबकि उसका सबसे खास युसूफ उत्तराखंड के तस्करों से वाट्सएप काल पर ही बात करता था। इसकी भनक स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को लग गई थी। एसटीएफ के अनुसार, शनिवार रात को सटीक सूचना थी कि स्कूटी से कोई स्मैक तस्कर स्मैक पहुंचाने आ रहा था। मौके पर पहुंची टीम ने उसे पकड़ा तो पता चला कि वह उस्मान है। वहीं से यूसुफ की गिरफ्तारी भी हुई। उस्मान के पास से एक किलो स्मैक और सात लाख रुपये बरामद हुए। उस्मान पर एक दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।
दाेनाें तस्कराें काे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। सीओ के नेतृत्व में पूरी कार्रवाई हुई हैं। बावजूद बरामद रकम को लेकर यदि सवाल उठ रहे हैं तो जांच कराई जाएगी। रोहित सिंह सजवाण